शेयर बाजार बढ़ने पर होता है मुनाफा, गिरावट के बाद कहां जाता है आपका पैसा?
आप अक्सर खबर पढ़ते होंगे कि शेयर मार्केट में भारी गिरावट से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये स्वाहा या फिर शेयर मार्केट गिरने से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूबे। अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट गिरने के बाद आपका पैसा कहां जाता है? क्या यह किसी और निवेशक या स्टॉक एक्सचेंज या फिर सरकार को मिलता है। आइए इसका जवाब जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपका नुकसान हो रहा है, तो इसका मतलब कि किसी को उसका फायदा हो रहा है। यह दुनिया का अनकहा नियम है। लेकिन, इसके कुछ अपवाद भी हैं, जैसे कि शेयर मार्केट। आप अक्सर खबर पढ़ते होंगे कि शेयर मार्केट में भारी गिरावट से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये स्वाहा या फिर शेयर मार्केट गिरने से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूबे।
अब सवाल उठता है कि जब भी शेयर मार्केट बढ़ता है, तो निवेशकों को फायदा होता है। लेकिन, शेयर मार्केट गिरने के बाद आपका पैसा कहां जाता है? क्या यह किसी और निवेशक या स्टॉक एक्सचेंज या फिर सरकार को मिलता है। आइए इसका जवाब जानते हैं।
कैसे तय होती है शेयर की कीमत?
शेयर मार्केट में कोई असल पैसा नहीं होता। किसी भी कंपनी के शेयर का मूल्य बाजार की धारणा पर टिका होता है। मतलब कि अगर निवेशकों को लगता है कि किसी कंपनी का रिजल्ट अच्छा आया है, या फिर भविष्य में कंपनी बेहतर करेगी, तो उसके शेयरों की खरीद तेज हो जाती है। फिर उस शेयर की डिमांड बढ़ जाती है और उसके साथ कीमतों में भी इजाफा होने लगता है।
मिसाल के लिए, सरकारी कंपनी IREDA को ले सकते हैं। IREDA जब तिमाही रिजल्ट का एलान करते हुए बताया कि उसका मुनाफा 33 प्रतिशत बढ़ गया, तो निवेशकों ने उसके शेयरों की खरीद बढ़ा दी और उसके शेयर प्राइस 7 प्रतिशत तक उछल गए। इसी तरह वोडाफोन आइडिया के FPO के बाद निवेशकों को लगा कि कंपनी की मुश्किलें कम होगी, तो उसके शेयरों की खरीदारी बढ़ी। साथ ही दाम भी बढ़ा।
अगर चीजें इसके उलट होती हैं, मतलब कि किसी कंपनी का नतीजा खराब आता है या फिर उसके साथ कोई कानूनी मसला होता है, तो निवेशक उसके भविष्य को लेकर चिंतित हो जाते हैं। फिर वे शेयर बेचने लगते हैं। इससे शेयर प्राइस कम हो जाती है। इसका एक बड़ा उदाहरण पेमेंट ऐप पेटीएम है। जब आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बैन लगाया, तो उसके शेयरों का दाम तेजी से कम हुआ।