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FD vs Debt Funds: एफडी या डेट फंड, किसमें सुरक्षित रहेंगे आपके पैसे और मिलेगा तगड़ा रिटर्न?

FD vs Debt Funds निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को काफी शानदार विकल्प माना जाता है। इसमें आपके पैसे सुरक्षित रहेंगे साथ ही तय रिटर्न मिलने की गारंटी भी रहती है। इसी तरह डेट फंड में भी कम रिस्क के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है। हालांकि दोनों में निवेश के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 03 Aug 2024 08:00 AM (IST)
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एफडी में कई दूसरे निवेशों के मुकाबले कम ब्याज मिलता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कोई भी शख्स निवेश करने से पहले अमूमन दो बातों पर गौर करता है। पहला, उसके पैसे सुरक्षित रहेंगे या नहीं और दूसरा, उसे रिटर्न कितना मिलेगा। अगर सुरक्षित निवेश की बात करें, तो आज भी सबसे अधिक भरोसा फिक्स्ड डिपॉजिट पर रहता है। हालांकि, डेट फंड भी कम जोखिम वाले निवेश माने जाते हैं।

आइए जानते हैं कि एफडी और डेट फंड में निवेश के लिए कौन-सा बेहतर है और आपको किसमें ज्यादा रिटर्न मिलेगा।

FD में निवेश के फायदे और नुकसान

एफडी की सबसे अच्छी बात है कि आपकी पूंजी सुरक्षित रहती है और आपको गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। यही वजह है कि अधिकांश लोग एफडी में निवेश करते हैं। इसमें बड़ी संख्या रिटायर्ड कर्मचारियों की रहती है, जो रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त मिले पैसों की एफडी कर देते हैं।

लेकिन, एफडी के साथ दिक्कत यह है कि इसमें कई दूसरे निवेशों के मुकाबले कम ब्याज मिलता है। ऐसी नौबत आने का खतरा रहता है, जब एफडी का ब्याज मुद्रास्फीति को भी मात नहीं देता। इसका सीधा मतलब आपके मूलधन का नुकसान होता है।

देश में ज्यादातर सरकारी बैंक एफडी पर 6.5 फीसदी की दर सालाना ब्याज देते हैं। प्राइवेट बैंकों की बात करें, तो यह आंकड़ा 7 फीसदी के आसपास रहता है। वहीं, पिछले पांच साल के दौरान देश में औसत सालाना महंगाई दर पांच फीसदी या इससे अधिक ही रही। इस हिसाब से एफडी का नेट रिटर्न नाममात्र ही नजर आएगा।

डेट फंड में कैसा रहेगा निवेश

डेट फंड असल में म्यूचुअल फंड की ही स्कीम होती है। लेकिन, इसमें इक्विटी मार्केट के बजाय कॉरपोरेट बॉन्ड, गवर्नमेंट बॉन्ड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट जैसे फिक्स्ड इनकम असेट्स शामिल होते हैं, जिससे एफडी की तरह सुरक्षित पूंजी के साथ तय रिटर्न सुनिश्चित किया जाता है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) का डेटा बताता है कि मीडियम ड्यूरेशन वाले टॉप 5 डेट फंड्स के डायरेक्ट प्लान का 5 साल का औसत सालाना रिटर्न काफी अच्छा रहा है। तकरीबन 7.41 फीसदी से लेकर 9.55 फीसदी। कम अवधि वाले डेट फंड ज्यादा सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाले समझे जाते हैं। उनका भी 5 साल का औसत सालाना रिटर्न 7.46 फीसदी से 8.25 फीसदी रहा।

एफडी अच्छा है या डेट फंड?

यह पूरी तरह से आपकी जरूरत और सहूलियत पर निर्भर करता है। हालांकि, कुछ मामलों में एफडी की तुलना में डेट फंड्स बेहतर हैं। डेट फंड्स में लिक्विडिटी अधिक होती है। इसका मतलब कि आप जरूरत पड़ने पर अपनी यूनिट्स बेचकर पैसे निकाल सकते हैं। इसमें एफडी की तरह की कोई पेनल्टी नहीं देनी पड़ती।

अगर आपका फोकस शत-प्रतिशत पूंजी सुरक्षित रखने पर है, तो आप एफडी में निवेश कर सकते हैं। लेकिन, महंगाई दर को मात देने के लिए आप अपनी रकम का कुछ हिस्सा डेट फंड में भी डाल सकते हैं। हालांकि, आप लंबी अवधि वाले डेट फंड्स के मुकाबले कम अवधि वाले फंड्स पर दांव लगाना चाहिए, क्योंकि ये अधिक स्थिर होते हैं।

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