FD vs Debt Funds: एफडी या डेट फंड, किसमें सुरक्षित रहेंगे आपके पैसे और मिलेगा तगड़ा रिटर्न?
FD vs Debt Funds निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को काफी शानदार विकल्प माना जाता है। इसमें आपके पैसे सुरक्षित रहेंगे साथ ही तय रिटर्न मिलने की गारंटी भी रहती है। इसी तरह डेट फंड में भी कम रिस्क के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है। हालांकि दोनों में निवेश के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कोई भी शख्स निवेश करने से पहले अमूमन दो बातों पर गौर करता है। पहला, उसके पैसे सुरक्षित रहेंगे या नहीं और दूसरा, उसे रिटर्न कितना मिलेगा। अगर सुरक्षित निवेश की बात करें, तो आज भी सबसे अधिक भरोसा फिक्स्ड डिपॉजिट पर रहता है। हालांकि, डेट फंड भी कम जोखिम वाले निवेश माने जाते हैं।
आइए जानते हैं कि एफडी और डेट फंड में निवेश के लिए कौन-सा बेहतर है और आपको किसमें ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
FD में निवेश के फायदे और नुकसान
एफडी की सबसे अच्छी बात है कि आपकी पूंजी सुरक्षित रहती है और आपको गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। यही वजह है कि अधिकांश लोग एफडी में निवेश करते हैं। इसमें बड़ी संख्या रिटायर्ड कर्मचारियों की रहती है, जो रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त मिले पैसों की एफडी कर देते हैं।
लेकिन, एफडी के साथ दिक्कत यह है कि इसमें कई दूसरे निवेशों के मुकाबले कम ब्याज मिलता है। ऐसी नौबत आने का खतरा रहता है, जब एफडी का ब्याज मुद्रास्फीति को भी मात नहीं देता। इसका सीधा मतलब आपके मूलधन का नुकसान होता है।
देश में ज्यादातर सरकारी बैंक एफडी पर 6.5 फीसदी की दर सालाना ब्याज देते हैं। प्राइवेट बैंकों की बात करें, तो यह आंकड़ा 7 फीसदी के आसपास रहता है। वहीं, पिछले पांच साल के दौरान देश में औसत सालाना महंगाई दर पांच फीसदी या इससे अधिक ही रही। इस हिसाब से एफडी का नेट रिटर्न नाममात्र ही नजर आएगा।