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Oldest Indian Company: बिस्कुट से लेकर प्लेन तक फैला है कारोबार, क्या आप जानते हैं 287 साल पुरानी भारत की इस कंपनी के बारे में

Oldest Indian Company आज हम आपको आपसे उस बिजनेस ग्रुप के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके प्रोडक्ट 287 साल से आपके और हमारे बीच मौजूद हैं। इस ग्रुप का कारोबार देश के बड़े सेक्टर में फैला हुआ है चाहे वो एविएशन सेक्टर हो या एफएमसीजी सेक्टर हो या रियल स्टेट सेक्टर हो या फिर केमिकल सेक्टर हो यह ग्रुप हर जगह मौजूद है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Sun, 15 Oct 2023 08:30 PM (IST)
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पीपल के पेड़ की जड़ों की तरह देश में फैला है इस ग्रुप का कारोबार

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: Oldest Company in India: अगर आपसे कोई पूछे की बताओ भारत की सबसे पुरानी कंपनी या बिजनेस ग्रुप कौन सा है तो बहुत मुमकिन है कि आप टाटा या गोदरेज का नाम लेंगे लेकिन यह जवाब गलत है।

आज हम आपको एक ऐसे बिजनेस ग्रुप के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके प्रोडक्ट हमारे और आपके बीच में 287 साल पहले से मौजूद है और आज भी हम उसका उपयोग कर रहे हैं। यह बिजनेस समूह का कारोबार बिस्कुट से लेकर प्लेन तक फैला हुआ है।

अब उस सवाल का जवाब देने का समय आ गया है जो हमने आपसे पहले पैराग्राफ में पूछा था। इस सवाल का जवाब है 287 साल पुरानी, भारत की सबसे पुराने कंपनी वाडिया ग्रुप (Wadia Group)। जी हां पीपल के पेड़ की जड़ें जिस तरह जमीन के अंदर फैली हुई होती है उसी तरह इस वाडिया ग्रुप के बिजनेस देश में फैले हुए हैं।

मुझे पक्का यकीन है कि आपने ब्रिटानिया के बिस्कुट कभी न कभी जरूर खाई होगी। लेकिन क्या आपको पता है कि ये ब्रिटानिया कंपनी वाडिया ग्रुप का हिस्सा है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ अन्य रोचक जानकारियां देंगे जिसे आपको पढ़कर मजा आ जाएगा।

लगभग हर बड़े सेक्टर में आपको वाडिया ग्रुप की एक कंपनी मिल जाएगी। तो चलिए डिकोड करते हैं वाडिया ग्रुप को।

वाडिया ग्रुप को जानिए

वाडिया समूह की स्थापना 1736 में लोजी नुसरवानजी वाडिया (Lovji Nusserwanjee Wadia) ने की थी। वर्तमान में वाडिया समूह के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) हैं। नुस्ली वाडिया ही फिलहाल इस वाडिया ग्रुप को आगे बढ़ा रहे हैं।

इस ग्रुप का मुख्यालय मुंबई में है। वाडिया समूह एफएमसीजी, रियल एस्टेट, कपड़ा, रसायन और खाद्य प्रसंस्करण सहित कई विविध उद्योगों में मौजूद है।

वाडिया समूह की चार कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट है। इन चार कंपनियों के नाम हैं: ब्रिटानिया (एफएमसीजी में 120 साल पुरानी कंपनी जो निफ्टी 50 इंडेक्स में है), बॉम्बे बर्मा ( चाय और अन्य व्यवसायों में 150 साल पुरानी कंपनी), बॉम्बे डाइंग (कपड़ा और रियल एस्टेट में 140 साल पुरानी कंपनी) और एनपीएल (हाइड्रोजन पेरोक्साइड का निर्माता)।

किस सेक्टर में कौन सी कंपनी?

सेक्टर कंपनी
एविएशन गो एयरलाइन वर्तमान में गो फर्स्ट
कंज्यूमर बॉम्बे डाइंग, ब्रिटानिया
रियल एस्टेट बॉम्बे रियल्टी, वाडिया टेक्नो इंजिनियरिंग सर्विसेस
प्लांटेशन बॉम्बे बर्मा
केमिकल नेशनल पेरोक्साइड
हेल्थकेयर डेंटल प्रोडक्ट्स, मेडिकल माइक्रोटेक्नोलॉजी, इंस्ट्रूमेंट ऑर्थोपेडिक्स

अगर इन सभी कंपनियों के बारे में लिखने जाए तो यह आर्टिकल काफी लंबा हो जाएगा इसलिए आज हम आपको इनमें से कुछ कंपनियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

ब्रिटानिया

सबसे पहले बात करते हैं भारत की लीडिंग FMCG सेक्टर में से एक ब्रिटानिया (Britannia) के बारे में। ब्रिटानिया की स्थापना आज से 120 साल पहले 1892 में कोलकाता में हुई थी। इसके प्रोडक्ट बेकरी, डेयरी और स्नैकिंग कैटेगरी में शामिल है।

कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ो के अनुसार ब्रिटानिया का कारोबार भारत सहित दुनिया के 80 से अधिक देशों में फैला हुआ है। ब्रिटानिया के चैयरमेन नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) हैं। 13 अक्टूबर को आखिरी कारोबारी दिन में ब्रिटानिया का शेयर एनएसई पर 1.10 रुपये बढ़कर 4,561.85 रुपये पर बंद हुआ था।

ब्रिटानिया कंपनी के कुछ मश्हूर उत्पाद की बात करें तो इनमें गुड डे (Good Day) मारी गोल्ड (Marie Gold), 50-50, जिम जैम (Jim Jam), ब्रिटानिया चीज स्लाइस (Britannia Cheese Slice), विन्किन कॉउ (Winkin’ Cow), ब्रिटानिया केक (Britannia Cake) और ब्रेड जैसे उत्पाद शामिल हैं।

चालू वित्त 24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए ब्रिटानिया की कंसोलिडेट बिक्री 9 प्रतिशत बढ़कर 3,970 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का परिचालन से लाभ 37 प्रतिशत बढ़कर 618 करोड़ रुपये हो गया था। अगर नेट प्रॉफिट की बात करें तो पहली तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 36 प्रतिशत बढ़कर 458 करोड़ रुपये रहा था।

बॉम्बे डाइंग

टेक्सटाइल बिजनेस में पॉपुलर और लीडिंग कंपनियों में से एक बॉम्बे डाइंग (Bombay Dyeing) की स्थापना साल 1879 में नोवरोसजी वाडिया ने की थी। उन्होंने अपने हाथ से रंगे गए भारतीय सूती धागे के एक छोटे से ऑपरेशन के रूप में इसकी स्थापना की थी जो अब बॉम्बे डाइंग के नाम से पूरे देश में प्रसिद्ध है।

आखिरी कारोबारी दिन 13 अक्टूबर को बॉम्बे डाइंग का शेयर एनएसई पर 2.05 रुपये गिरकर 153 पर बंद हुआ था।

गो एयर एयरलाइन

गो एयर जिसे अब गो फर्स्ट (Go First) के नाम से भी जाना जाता है, वर्तमान में यह एयरलाइन दिवालिया होने के कगार पर है और इस साल के मई से एयरलाइन ने अपने एक भी उड़ान नहीं भरी है।

गो फर्स्ट ने खुद ही NCLT में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए आवेदन दिया है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर एयरलाइन को दिवालिया घोषित नहीं किया गया है। गो फर्स्ट ने इस संकट का जिम्मेदार

अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजन को ठहराया है।

गो फर्स्ट का कहना है कि खराब इंजन के कारण एयरलाइन को 50 प्रतिशत से अधिक विमानों को ग्राउंडेड रखना पड़ा है जिसके कारण से कंपनी को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं प्रैट एंड व्हिटनी ने जवाब दिया कि गो फर्स्ट ने लंबे समय से अपने बकाए का भुगतान नहीं किया है।