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अकाउंट होल्डर की मृत्यु, बैंक में नॉमिनी का नाम नहीं; फिर किसे मिलेगा खाते का पैसा?

बैंक अकाउंट या कोई अन्य वित्तीय खाता खोलते वक्त नॉमिनी जरूर चुनना चाहिए। कई लोग लापरवाही या किसी अन्य वजह से नॉमिनी नहीं चुनते और उनकी मृत्यु के बाद कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच विवाद की आशंका बढ़ जाती है। कई बार मामला अदालत तक भी पहुंच जाता है। आइए जानते हैं कि नॉमिनी चुनने के क्या फायदे हैं और नॉमिनी न होने की सूरत में अकाउंट का पैसा किसे मिलेगा।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 17 Sep 2024 11:07 AM (IST)
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नॉमिनी के बिना बीमा क्लेम करना मुश्किल हो सकता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। हम जब भी बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट या निवेश के लिए कोई अन्य वित्तीय खाता खोलते हैं, तो उसमें एक ऑप्शन आता है, नॉमिनी एड करने का। इसका मतलब कि अगर आपके साथ कोई अनहोनी होती है, तो आपके अकाउंट का पैसा किसे मिलेगा। चूंकि, नॉमिनी एड करना अनिवार्य नहीं होता, तो बहुत-से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं या लापरवाही से टाल देते हैं।

लेकिन, हर वित्तीय खाते में नॉमिनी का होना बेहद जरूरी है, ताकि आपके न रहने की सूरत में आपका पैसा आपके सही वारिस को मिल सके। आइए जानते हैं कि नॉमिनी बनाना जरूरी क्यों है और अगर नॉमिनी न हो, तो खाते में जमा पैसे किसे मिलेंगे और उसेक लिए क्या करना होगा।

नॉमिनी बनाना जरूरी क्यों

अगर किसी खाताधारक ने अपने सभी वित्तीय खातों के लिए नॉमिनी बना रखा है, तो उसकी मृत्यु की स्थिति में पूरा पैसा नॉमिनी को मिल जाएगा। अगर आपने एक से अधिक नॉमिनी बना रखे हैं, तो उन सभी को पैसे बराबर मिलेंगे। कई एक से अधिक नॉमिनी बनाने की सहूलियत देते हैं। साथ ही, आप यह भी तय कर सकते हैं कि किस नॉमिनी को कितनी हिस्सेदारी दी जानी है। यह तरीका काफी अच्छा भी है, क्योंकि इससे बाद में पैसों के बंटवारे को लेकर परिवार में विवाद की आशंका कम हो जाती है।

नॉमिनी नहीं, तो किसे मिलेंगे पैसे

अगर किसी शख्स ने बैंक अकाउंट के लिए नॉमिनी नहीं बनाया है, तो उसकी मृत्यु के बाद पैसे उसके कानूनी उत्तराधिकारी को मिल जाएंगे। शादीशुदा शख्स के मामले में कानूनी वारिस पत्नी, बच्चे और माता-पिता होते हैं। वहीं, अविवाहित शख्स के माता-पिता या फिर भाई-बहन पैसों पर दावा कर सकते हैं।

नॉमिनी न होने पर कैसे मिलेंगे पैसे

अगर अकाउंट होल्डर ने किसी को नॉमिनी नही बनाया है, तो पैसे उसके कानूनी अधिकारी के खाते में जमा कर दिए जाएंगे। इसके लिए कानूनी वारिस को कुछ जरूरी दस्तावेज लाने होंगे। इनमें मृतक का डेथ सर्टिफिकेट, कानूनी उत्तराधिकारी की फोटो, केवाईसी, लेटर ऑफ डिस्क्लेमर एनेक्सचर-ए, लेटर ऑफ इंडेम्निटी एनेक्सचर-सी की जरूरत होगी।

बैंक में नॉमिनी का नाम न होने नुकसान

  • खाताधारक की मृत्यु पर अकाउंट बंद हो सकता है और पैसे सरकार के खजाने में जमा किए जा सकते हैं।
  • नॉमिनी के बगैर खाताधारक की मृत्यु पर वारिसों के बीच विवाद हो सकता है कि कौन खाते का मालिक होगा।
  • कानूनी उत्तराधिकारी साबित करने की प्रक्रिया में समय और पैसे की भी काफी बर्बादी हो सकती है।
  • नॉमिनी के बिना खाताधारक की मृत्यु पर कानूनी वारिसों को खाते के पैसों पर टैक्स देना पड़ सकता है।
  • नॉमिनी के बिना बीमा क्लेम करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि बीमा कंपनी को नॉमिनी की जानकारी नहीं होगी।
  • पेंशन और अन्य लाभ को क्लेम करने में भी मुश्किल हो सकती है। अदालती कार्रवाई की जरूरत भी पड़ सकती है।

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