थोक महंगाई में लगातार दूसरे महीने गिरावट, पर सब्जियों का भाव बढ़ा रहा चिंता
पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला है कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 3.65 प्रतिशत थी। यह जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। उसने अगस्त में लगातार नौवीं बार बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ता होने से थोक मुद्रास्फीति अगस्त में चार महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है, जबकि मई में यह 3.43 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। जुलाई में 2.04 प्रतिशत और अगस्त, 2023 में इसमें 0.46 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
खुदरा मुद्रास्फीति की बात करें तो सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण यह अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही। यह जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक है। आरबीआइ मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआइ ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।
उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, 'अगस्त 2024 में खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा विनिर्माण तथा मशीनरी और उपकरण आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई।' आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आलू और प्याज की मुद्रास्फीति अगस्त में क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही।खरीफ की बोआई अब तक अच्छी रही है। हालांकि चालू महीने में अतिरिक्त बारिश से खरीफ की कटाई में देरी हो सकती है। इससे पैदावार भी प्रभावित हो सकती है, हालांकि अखिल भारतीय स्तर पर जलाशयों में पर्याप्त भंडारण होने से रबी फसलों की बोआई में तेजी आने की संभावना है।
राहुल अग्रवाल, वरिष्ठ अर्थशास्त्री, रेटिंग एजेंसी इकरा
वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज के मुताबिक, 'अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक में नरमी का कारण खाद्य (सब्जी) कीमतों में क्रमिक गिरावट है। बार्कलेज ने यह भी कहा है कि ऊर्जा और धातु की कीमतों में गिरावट के कारण विनिर्माण लागत में कमी आने से मुख्य उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड़ने का जोखिम कम हो गया है। अगस्त माह में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 1.22 प्रतिशत रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही।
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