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WPI Inflation: जनवरी में नरम पड़ी थोक महंगाई दर, खाद्य पदार्थों की कीमतों में अब भी जारी है तेजी

Wholesale Inflation In January 2022 जनवरी में लगातार दूसरे महीने थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नरम रही है जो 12.96 प्रतिशत पर दर्ज की गई है। हालांकि खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल 2021 से शुरू होकर लगातार दसवें महीने WPI मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में बनी हुई है।

By Lakshya KumarEdited By: Updated: Tue, 15 Feb 2022 07:55 AM (IST)
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WPI Inflation: जनवरी में नरम पड़ी थोक महंगाई दर, खाद्य पदार्थों की कीमतों में जारी है तेजी

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने सोमवार को कहा कि थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लगातार दूसरे महीने नरम रही है, जो 12.96 प्रतिशत पर दर्ज की गई है। हालांकि, खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल 2021 से शुरू होकर लगातार दसवें महीने WPI मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में बनी हुई है। दिसंबर 2021 में मुद्रास्फीति 13.56 प्रतिशत थी, जबकि जनवरी 2021 में यह 2.51 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति जनवरी 2022 में बढ़कर 10.33 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर 2021 में 9.56 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमत वृद्धि दर पिछले महीने के 31.56 प्रतिशत के मुकाबले 38.45 प्रतिशत हो गई।

खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में दाल, अनाज और धान की कीमतों में महीने-दर-महीने वृद्धि देखी गई, जबकि अंडा, मांस और मछली में मुद्रास्फीति 9.85 प्रतिशत और आलू तथा प्याज में क्रमशः (-)14.45 प्रतिशत और (-)15.98 प्रतिशत प्रति माह थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "जनवरी 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, खाद्य पदार्थों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।"

विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति जनवरी में 9.42 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने में 10.62 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली क्षेत्र में मूल्य वृद्धि की दर जनवरी में 32.27 फीसदी थी, जो दिसंबर में 32.30 प्रतिशत से कम थी। बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते रेपो दर को बिना बदलाव किए पहले जिनती ही बनाए रखा है। विकास को समर्थन देने के साथ-साथ मुद्रास्फीति के दबावों का प्रबंधन करने के लिए रेपो रेट को लगातार 10वीं बार 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है। रेपो रेट पर RBI, बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है।