थोक महंगाई ने दिया झटका, मगर जीडीपी के मोर्चे पर आई अच्छी खबर
WPI यानी होलसेल प्राइस इंडेक्स में लगातार तीसरे महीने इजाफा हुआ। WPI मई में 2.61 फीसदी रही जो अप्रैल में 1.26 फीसदी थी। यह फरवरी 2023 के बाद से भारत में देखी गई थोक मुद्रास्फीति का उच्चतम स्तर है। हालांकि इस बीच जीडीपी के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। CII का कहना है कि इस वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी रह सकती है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) में लगातार तीसरे महीने इजाफा हुआ है। शुक्रवार को जारी डेटा के मुताबिक, WPI मई में 2.61 फीसदी रही, जो अप्रैल में 1.26 फीसदी थी। यह फरवरी 2023 के बाद से भारत में देखी गई थोक मुद्रास्फीति का उच्चतम स्तर है।
सब्जी ने दिया महंगाई का झटका
मई में थोक मूल्य मुद्रास्फीति में उछाल मुख्य रूप से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, खाद्य पदार्थों आदि की कीमतों में वृद्धि की वजह से आई। मई के दौरान खाद्य पदार्थों के दाम 9.8 फीसदी बढ़े, जबकि अप्रैल में 7.74 फीसदी बढ़े थे। सबसे ज्यादा उछाल सब्जियों के भाव में आया। अप्रैल में सब्जी के दाम में 23.60 फीसदी वृद्धि हुई थी। वहीं मई में 32.42 फीसदी हुई।
खुदरा-थोक महंगाई में तालमेल नहीं
WPI में लगातार तीन महीने से इजाफा हो रहा है। वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति का हाल इसके ठीक उलट है, जो 12 महीने के निचले स्तर 4.75 फीसदी पर आ गई है। खुदरा मुद्रास्फीति की अहमियत कई बार ज्यादा होती है, क्योंकि RBI अपनी मौद्रिक नीति को तय करते समय इसी को तवज्जो देता है।जीडीपी की ग्रोथ रहेगी दमदार!
थोक महंगाई बढ़ने के बीच आर्थिक मोर्चे से एक अच्छी खबर भी है। इंडस्ट्री बॉडी CII का कहना है कि इस वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी रह सकती है। CII के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर पर निर्भर है। इन सेक्टर को निरतंर बढ़ते सरकारी खर्च और अच्छे मानसून का लाभ मिलेगा।
CII का अनुमान वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अधिक आशावादी है। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि भारत की जीडीपी इस साल 6.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 6.8 फीसदी और एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 7 फीसदी की दर से वृद्धि का अनुमान लगाया है।