Mutual Funds: सेबी की चेतावनी के बाद भी स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में जमकर पैसा लगा रहे निवेशक, क्या है वजह?
पिछले दिनों मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड्स (MF) को निर्देश दिया था कि वे स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स में निवेश करने वाले निवेशकों की हितों की रक्षा के लिए फ्रेमवर्क बनाएं। माना जा रहा था कि सेबी के निर्देश के बाद इन फंड्स में निवेश कम होगा और निकासी बढ़ेगी। लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों को ऐसा नहीं लगता। क्या है इसकी वजह आइए जानते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने पिछले दिनों म्यूचुअल फंड्स (MF) से उन निवेशकों के हितों की हिफाजत के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने को कहा था, जो बड़े जोखिम के बीच लगातार स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स में निवेश कर रहे हैं।
सेबी के इस निर्देश के बाद माना जा रहा है कि अब स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स से जमकर निकासी होगी और निवेशक इनमें पैसे लगाने से बचेंगे। लेकिन, मार्केट के जानकारों का मानना है कि इन फंड्स में बड़ी बिकवाली का कोई परेशान करने वाला संकेत नजर नहीं आ रहा।
स्मॉल और मिड कैप फंड्स में कितना निवेश?
इंडस्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि सेबी की चिंताओं के बावजूद निवेशक इन फंड्स में पैसे लगाना जारी रख सकते हैं, क्योंकि यहां भारी रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है। सेबी की चेतावनी पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान स्मॉल और मिड कैप में भारी फ्लो के बीच आई थी।
2023 की बात करें, तो मिड-कैप म्यूचुअल फंड स्कीम में करीब 23 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ। स्मॉल कैप स्कीम तो इससे भी आगे निकल गई और वहां निवेशकों ने 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक लगाए।
2022 के दौरान भी मिड-कैप में इन्वेस्टमेंट कमोबेश इतना ही था। लेकिन, स्मॉल कैप फंड में 19,795 करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ था। मतलब कि एक साल में इसमें निवेश दोगुने से अधिक हो गया।वहीं, लॉर्ज कैप पर नजर डालें, तो वहां उलटी गंगा बह रही है। निवेशकों ने लॉर्ज-कैप म्यूचुअल फंड्स में से 2022 में 7 हजार करोड़ और 2023 में 3 हजार करोड़ रुपये निकाले।