SIP बंद करने वालों की क्यों बढ़ रही तादाद, किस बात का है खौफ?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को जादुई रिटर्न देने वाला निवेश माना जाता है। यह आम निवेशकों को लंबी अवधि में रईस बनाने वाले रास्ते के रूप में मशहूर है। लेकिन पिछले महीने लोगों ने रिकॉर्ड संख्या में अपनी एसआईपी बंद की है। जबकि इसी दौरान एसआईपी में रिकॉर्ड निवेश भी आया है। आइए जानते हैं कि लोग बड़ी संख्या में अपनी एसआईपी बंद क्यों करा रहे हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को लंबी अवधि के निवेश के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। आर्थिक जगत की प्रभावशाली हस्तियां भी लॉन्ग टर्म में इसके रिटर्न की मुरीद हैं। पिछले दो महीने यानी अप्रैल और मई से एसआईपी यानी सिप में लगातार 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश आ रहा है। मई में तो यह बढ़कर 20,904 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
लेकिन, इसी दौरान SIP Stoppage Ratio यानी सिप बंद करवाने वालों की संख्या में रिकॉर्ड उछाल आया है। सिप स्टॉपेज रेशियो नए सिप अकाउंट खुल के मुकाबले बंद होने वाले खातों के प्रतिशत को बताता है। मई में सिप स्टॉपेज रेशियो 88.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया, जो इसका नया रिकॉर्ड हाई है। इसका मतलब कि अगर 100 लोगों ने नए सिप अकाउंट खुलवाए, तो 88 लोगों ने बंद कराए या उनकी सिप का टेन्योर पूरा हो गया।
आइए जानते हैं कि सिप के जरिए निवेश लगातार बढ़ने और दमदार रिटर्न मिलने के बावजूद SIP अकाउंट बंद कराने वालों की संख्या क्यों बढ़ रही है। क्या लोग मार्केट से जुड़े जोखिम के चलते घबरा रहे हैं या किसी और काम के लिए सिप अकाउंट की रकम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सिप से जुड़े नियमों में बदलाव
कैपिटल रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने सिप से जुड़े में कुछ बदलाव किए है। सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, अब अगर कोई निवेशक अपनी सिप की लगातार तीन किस्तें चूकता है, तो उसकी सिप को रद्द मान लिया जाएगा। पहले यह म्यूचुअल फंड पर था कि वे किसी निवेशक के सिप अकाउंट को कब रद्द करार दें। इससे ऑटोमैटिक उन सिप को रद्द मान लिया गया, जिनमें पिछले तीन महीने से निवेश नहीं आ रहा था।
लोकसभा चुनाव की हलचल
लोकसभा चुनाव के एलान के साथ ही इक्विटी मार्केट में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली। खासकर, शुरुआती चरण में कम वोटिंग के बाद विदेशी निवेशकों ने ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू कर दी। अस्थिरता के इस माहौल में म्यूचुअल फंड ने भी सिप खोलने के लिए अपने मार्केटिंग अभियान पर ज्यादा जोर नहीं दिया। वहीं, कई निवेशकों ने भी शेयर मार्केट की उथलपुथल से घबराकर अपनी सिप को भुना लिया।