टैरिफ महंगा करने का उलटा असर, आखिर क्यों गिर रहे वोडाफोन आइडिया के शेयर
उम्मीद की जा रही थी कि टैरिफ का दाम बढ़ाने का टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। लेकिन जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़ दें तो बाकी दोनों कंपनियों यानी एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट दिख रही है। खासकर वोडाफोन आइडिया के शेयरों का ज्यादा झटका लगा है। टैरिफ प्लान हाइक के बाद इसमें लगातार गिरावट आ रही है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर की तीन बड़ी कंपनियों- रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने टैरिफ प्लान की कीमतें बढ़ाने का एलान किया। यह दो साल में पहली दफा है, जब कंपनियों ने टैरिफ का दाम बढ़ाया है। केयर रेटिंग्स का मानना है कि इससे टेलीकॉम कंपनियों एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) में तकरीबन 15 फीसदी का इजाफा होगा।
ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि टैरिफ का दाम बढ़ाने का टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। लेकिन, जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़ दें, तो बाकी दोनों कंपनियों यानी एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट दिख रही है। खासकर, वोडाफोन आइडिया के शेयरों का ज्यादा झटका लगा है। टैरिफ प्लान हाइक से पहले इसमें लगातार तेजी देखी जा रही थी, लेकिन अब गिरावट आ रही है।
ब्रोकरेज ने बढ़ाया टारगेट प्राइस
वोडाफोन आइडिया की गिरावट इसलिए भी हैरान करती हैं, क्योंकि कई ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस भी बढ़ा दिया है। सिटी ने वोडाफोन आइडिया की रेटिंग न्यूट्रल से अपग्रेड करके बाय कर दी है। मतलब कि इसने निवेशकों को वोडाफोन आइडिया खरीदने की सलाह दी है और टारगेट प्राइस को 15 रुपये से बढ़ाकर 23 रुपये कर दिया है। उसका कहना है कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मामले में सरकार वोडाफोन आइडिया को किसी तरह की राहत देती है, तो यह 28 रुपये तक भी जा सकता है।
वोडाफोन आइडिया का शेयर मंगलवार को 3 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 17.05 रुपये पर बंद हुआ। पिछले पांच दिनों में यह कुल मिलाकर 2 फीसदी से अधिक गिरा है। वहीं, 1 महीने में इसने 6 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है।
फिर क्यों गिर रहे वोडा के शेयर?
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट की कुछ अहम वजहें हैं। सबसे बड़ी चिंता की निवेशकों में इसके भविष्य को लेकर अनिश्चितता थोड़ी बढ़ रही है।
- वोडाफोन आइडिया के पास अभी मुख्य तौर पर 2जी सब्सक्राइबर हैं। निवेशकों को डर है कि टैरिफ बढ़ाने के बाद ये 4जी सर्विस के लिए जियोफोन की तरफ स्विच कर सकते हैं।
- जियो और एयरटेल का टैरिफ बढ़ाना जस्टिफाई है। एक तो उनकी सर्विस क्वालिटी अच्छी है, दूसरे वे अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार भी कर रहे हैं। वोडा के मामले में यह चीज नहीं है।
- वोडाफोन आइडिया में मौजूदा तेजी की वजह रिटेल इन्वेस्टर्स की खरीदारी थी। लेकिन, अब रिटेल इन्वेस्टर्स पास कई दूसरे स्टॉक हैं, जो वोडाफोन आइडिया के मुकाबले काफी बेहतर हैं।
- अभी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू के मामले में भी स्थिति साफ नहीं है कि सरकार इसमें वोडाफोन आइडिया को किसी तरह की रियायत देगी या फिर नहीं। कंपनी पर कर्ज भी काफी ज्यादा है।