सेबी के नए सर्कुलर का कहर, स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों के शेयर धड़ाम; 9 फीसदी गिरा एंजल वन
मंगलवार को कारोबार बंद होने पर एंजल वन के शेयर में 8.72 प्रतिशत जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में 6.83 प्रतिशत मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में 4.19 प्रतिशत एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में 2.81 प्रतिशत डोलट एल्गोटेक में 2.28 प्रतिशत और 5पैसा कैपिटल में 0.05 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सेबी के नए सर्कुलर से इन सभी ब्रोकर की कमाई घटने की आशंका है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEB) और अन्य मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) के फीस संबंधी आदेश का असर स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों के शेयर पर दिखा है। दरअसल, सेबी ने अपने एक सर्कुलर मेंस्टॉक एक्सचेंजों सहित सभी मार्केट इंस्टीट्यूशन को ब्रोकिंग फर्मों पर एक समान फीस लगाने को कहा, जो वॉल्यूम पर आधारित न हो। इस फैसले से ब्रोकिंग फर्मों की कमाई घटने की आशंका है।
शेयरों में कितनी आई गिरावट?
यही वजह है कि निवेशकों ने ब्रोकिंग फर्मों के स्टॉक में जबरदस्त बिकवाली की। मंगलवार को कारोबार बंद होने पर एंजल वन के शेयर में 8.72 प्रतिशत, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में 6.83 प्रतिशत, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में 4.19 प्रतिशत, एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में 2.81 प्रतिशत, डोलट एल्गोटेक में 2.28 प्रतिशत और 5पैसा कैपिटल में 0.05 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
यह तो रिकवरी के बाद की तस्वीर है। कारोबार के दौरान एंजल वन के शेयरों में 10.50 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज 7.59 फीसदी तक फिसल गया था। डोलट एल्गोटेक को भी 5.39 फीसदी का झटका लगा था। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में 4.63 फीसदी और 5पैसा कैपिटल 4.51 फीसदी तक लुढ़क गया था।
क्या है रेगुलेटर का आदेश?
अभी स्टॉक एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन जैसे मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MIIs), एक स्लैब स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके ब्रोकर्स से ट्रांजेक्शन और डिपॉजिटरी चार्ज वसूलते हैं। ब्रोकरेज भी इसी तरह के स्लैब का इस्तेमाल करके ग्राहकों से चार्ज लेते हैं। लेकिन, मसला समय का आता है। ब्रोकर अमूमन ये फीस अपने ग्राहकों से डेली बेसिस पर वसूलते हैं, लेकिन MII को जमा करते हैं मंथली बेसिस पर।इसके चलते डिस्काउंट ब्रोकर को फायदा होता है और वे इन ट्रांजेक्शन चार्ज डिस्काउंट्स के जरिए 15-30 फीसदी की कमाई कर लेते हैं। डीप डिस्काउंट ब्रोकर्स के लिए तो यह आंकड़ा 50-70 फीसदी तक पहुंच जाता है। अब सेबी ट्रांजेक्शन चार्ज में पूरी पारदर्शिता चाहता है। इसलिए वह सभी के लिए एकसमान फीस स्ट्रक्चर लागू कर रहा है। लेकिन, इससे डिस्काउंट ब्रोकर्स की कमाई पर तगड़ी चोट लगेगी। यही वजह है कि उनके स्टॉक प्राइस में जबरदस्त गिरावट आई है।
यह भी पढ़ें : पांच साल से शेयर मार्केट में बुल रन, क्या जारी रहेगा तेजी का सिलसिला या अब आएगी गिरावट?