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दुनिया में Banking Crisis के बीच भारतीय बैंकों के दमदार प्रदर्शन का क्या है राज, FD पर भी मिल रहा तगड़ा ब्याज

Indian Bank Loan Growth भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। साथ ही अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में मंदी आने का खतरा भी न के बराबर है। (जागरण ग्राफिक्स)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Thu, 20 Apr 2023 08:50 AM (IST)
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Why indian Bank Loan Deposit Growth Strong
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल के कुछ महीनों में अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक और सिंग्नेचर बैंक डूब गए। साथ ही यूरोप में क्रडिट सुइस बैंक भी डूबने के कगार पर था, जिसे स्विट्जरलैंड सरकार की ओर से बचा लिया गया और एक अन्य बैंक यूबीएस में विलय कर दिया गया है। इन बैंकों के डूबने के कारण दुनिया में वैश्विक अस्थिरता का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है और इसका असर दुनिया के अन्य बैंकों पर भी देखा जा रहा है।

लेकिन इस वैश्विक अस्थिरता का भारतीय बैंक पर बिल्कुल भी असर नहीं दिख रहा है, बल्कि भारतीय बैंक तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं और लोन के साथ डिपॉटिज में भी इजाफा हो रहा है। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण क्या है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार

मौजूदा समय में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आईएमएफ की ओर से अनुमान लगाया गया है कि 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था 5.9 प्रतिशत, चीन की अर्थव्यवस्था 5.2 प्रतिशत, अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1.6 प्रतिशत, जापान की अर्थव्यवस्था 1.3 प्रतिशत और जर्मनी की अर्थव्यवस्था -0.1 प्रतिशत की दर से विकास कर सकती है। यानी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से विकास कर रहा है। इस कारण कारोबार बढ़ रहा है।

मंदी की आशंका

कोरोना के बाद दुनिया के लगभग सभी देश महंगाई का सामना कर रहे हैं। इस कारण दुनिया के सभी केंद्रीय बैंक की ओर से तेजी से ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। इससे दुनिया में मंदी का खतरा पैदा हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में मंदी आने की संभावना यूके में 75 प्रतिशत, अमेरिका में 65 प्रतिशत, जर्मनी में 60 प्रतिशत, जापान में 35 प्रतिशत, चीन में 12.5 प्रतिशत है, लेकिन भारत के मामले में ये संभावना शून्य है।

एक दशक की उच्चतम स्तर पर लोन ग्रोथ

आरबीआई द्वारा जारी किए डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की लोन ग्रोथ 14.6 प्रतिशत रही है। यह 2011-12 के बाद सबसे बैंक लोन ग्रोथ का सबसे उच्चतम स्तर है। उस दौरान लोन ग्रोथ 17 प्रतिशत रही थी।बता दें, वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक डिपॉजिट ग्रोथ 9.6 प्रतिशत थी।

लोन ग्रोथ के कारण

भारत में तेज लोन ग्रोथ के कारण को जानने के लिए हमने बैंकिंग और फाइनेंशियल क्षेत्र की कंपनी सेव सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी, सीईओ और को- फाउंडर, अजीत कुमार सिंह से बातचीत की। उन्होंने इसके पीछे कई कारण गिनाए हैं।

आत्मनिर्भर भारत: सरकार की ओर से देश में स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई सारी स्कीम्स चलाई जा रही हैं। इससे देश में MSME सेक्टर को भी बढ़ावा मिल रहा है और गांव से लेकर शहरों तक लोन की मांग बनी हुई।

होम लोन: भारत में निम्न और मध्यम आय वाले लोगों की ओर से घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। कोविड महामारी के दौरान, लोगों ने महसूस किया कि खुद का घर होना एक सर्वप्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। जिसके कारण टियर 1 के साथ-साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी होम लोन की मांग बढ़ी है। इसके साथ ही, होम लोन की बढ़ती मांग के पीछे सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) इत्यादि का भी अहम योगदान है।

बैंक व्यवस्था मजबूत होने से आम आदमी को फायदा

भारतीय बैंकिंग व्यवस्था मजबूत होने से आम जनता को काफी लाभ होता है। इससे उसका धन भी सुरक्षित रहता है। इसके साथ लोन की डिमांड को पूरा करने के लिए बैंक एफडी की ब्याज दरें बढ़ाकर ग्राहकों को डिपॉजिट को आकर्षित करते हैं। जैसा कि हमने पिछले एक साल में देखा।