Heath Insurance Tips: हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय वेटिंग पीरियड को देखना क्यों है जरूरी?
हेल्थ इंश्योरेंस हमारे लिए तब सबसे अहम साबित होता है जब हम किसी मेडिकल इमरजेंसी का सामना करने हैं। ऐसे में हर किसी के पास हेल्थ इंश्योरेंस होना जरूरी है। मगर हेल्थ इंश्योरेस में एक वेटिंग पीरियड होता है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको यहां इससे जुड़ी सारी जानकारी देने जा रहे हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस हमारे एक अहम जरूरत में गिने जाते हैं। ये खासकर तब सबसे ज्यादा काम आते हैं, जब आपके साथ कोई बड़ा हादसा हो जाता है या किसी मेडिकल इमरजेंसी के चलते बहुत सारे पैसे खर्च होते हैं।
वैसे तो हम हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय हम हर चीज को बहुत ध्यान से चेक करते हैं, लेकिन एक अहम चीज है जो हमारे दिमाग में नहीं आती है। पॉलिसी लेते समय हम वेटिंग पीरियड को अनदेखा कर देते हैं। यह समय कुछ दिनों से लेकर कई सालों तक हो सकता है। यह पीरियड ये निर्धारित करता है कि आप खास स्थितियों में अपने इश्योरेंस को कब क्लेम कर सकते हैं। ये अवधि हर स्थिति के हिसाब से अलग हो सकती है।आइये इसके बाके में जानते हैं।
क्या होता है वेटिंग पीरियड?
- वेटिंग पीरियड आपके पॉलिसी खरीदने की शुरुआत और क्लेम करने तक के बीच का समय होती हैं।
- यह समयसीमा बीमा कंपनियों द्वारा जोखिमों को कम करने के लिए लगाई जाती है।
- आपको बता दें कि ये वेटिंग पीरियड कई प्रकार के होते हैं। यहां हम इनके बारे में जानेंगे।
स्टैंडर्ड कूलिंग-ऑफ पीरियड
- ये वेटिंग पीरियड 30-दिनों का होता है। ये किसी भी पॉलिसी का बेसिक वेटिंग पीरियड होता है।
- अगर इस बीच आप किसी हॉस्पिटल में एडमिट होते हैं तो आप इसे क्लेम नहीं कर सकते हैं।
- हालांकि अगर आप किसी दुर्घटना की स्थिति में आप इसके लिए क्लेम कर सकते हैं।
मौजूदा बिमारी के लिए वेटिंग पीरियड
- अब सवाल उठता है कि अगर आपको पहले से ही कोई बिमारी हो तो उस स्थिति में वेटिंग पीरियड कैसे काम करता है।
- ऐसे स्थिति को कवर किए जाने से पहले आमतौर पर दो से चार साल के बीच का वेटिंग पीरियड होता है।
- ऐसे में अगर इस अवधि के दौरान आपको उस बिमारी से कोई समस्या होती है तो आपको कोई कवर नहीं मिलता है।
किसी खास बिमारी के लिए वेटिंग पीरियड
- अगर पॉलिसीधारक हर्निया, मोतियाबिंद, जोड़ रिप्लेसमेंट और कैंसर सर्जरी जैसी बड़ी बीमारियों से प्रभावित है तो ऐसे में अक्सर दो से चार साल तक का वेटिंग पीरियड होता है।
- इसके बारे में इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आपको पहले ही बता दिया जाता है।
मैटरनिटी वेटिंग पीरियड
आम तौर पर कंपनियां मैटरनिटी को हेल्थ पॉलिसी से बाहर ही रखती है। मैटरनिटी कवरेज के लिए आपको नौ महीने से तीन साल के बीच का वेटिंग पीरियड सेट किया गया है।
मानसिक बीमारियों का वेटिंग पीरियड
हेल्थ कंपनिया का मानसिक बीमारियों के लिए कवरेज अक्सर दो साल तक के वेटिंग पीरियड के साथ आता है।कैसे कम करें वेटिंग पीरियड
- हर कंपनी अलग-अलग वेटिंग पीरियड ऑफर करती है, ऐसे में जो कंपनी कम वेटिंग पीरियड दे रही है, उसकी पॉलिसी चुनें। की प्रतीक्षा अवधि अलग-अलग होती है।
- पहले से मौजूद बीमारियों के लिए, टॉप-अप प्लान सबसे बेहतर और फायदेमंद हो सकते है। ये प्लान एक सीमा से ऊपर एक्स्ट्रा कवरेज देते हैं।
- आप हाई प्रीमियम का भुगतान करके खास स्थिति में वेटिंग पीरियड को कम करने की अनुमति पा सकते हैं।