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ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट के बाद दमदार रिकवरी, किस वजह से चढ़ा स्टॉक?

Ola Electric Mobility Shares Price ओला इलेक्ट्रिक के शेयर फ्लैट लिस्टिंग के बाद तूफानी रफ्तार से बढ़ रहे थे। उन्होंने 150 रुपये से अधिक पर अपना ऑल टाइम हाई भी बनाया। लेकिन वहां से इसने रिवर्स गियर लगा दिया है। इससे उन निवेशकों को काफी नुकसान हो रहा जिन्होंने इसे हाई पर खरीदा था। आइए जानते हैं कि ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट की क्या वजह क्या है?

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 09 Sep 2024 01:29 PM (IST)
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HSBC ओला इलेक्ट्रिक को 140 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ कवर कर रहा है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। भाविश अग्रवाल के मालिकाना हक वाली कंपनी के शेयर सोमवार (9 सितंबर) को शुरुआती कारोबार में ही 5 फीसदी से अधिक गिर गए। उसके करीब 18.18 करोड़ शेयरों का लॉक-इन पीरियड भी आज खत्म हो गया। इसका मतलब है कि अब इन शेयरों को बेचने पर लगी बंदिश हट गई। इससे निवेशक चाहें, तो वे इन शेयरों को बेचकर कंपनी से बाहर निकल सकते हैं। हालांकि, ऐसा करना जरूरी नहीं है।

नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक- 5 सितंबर 2024 से 30 नवंबर 2024 के बीच ओला इलेक्ट्रिक समेत कुल 38 कंपनियों के करीब 21 अरब डॉलर के शेयरों का लॉक-इन पीरियड खत्म होगा। हालांकि, ब्रोकरेज ने यह भी स्पष्ट किया कि इन सभी शेयरों की बिक्री नहीं होगी, क्योंकि इनका बड़ा हिस्सा प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप के पास भी है।

ओला इलेक्ट्रिक के शेयर दोपहर 1 बजे तक 5.10 फीसदी की गिरावट के साथ 103.98 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि, उसके बाद शेयरों में तेज रिकवरी दिखी और यह 4.13 फीसदी उछाल के साथ 114.10 रुपये पर बंद हुआ। 

ओला इलेक्ट्रिक पर ब्रोकरेज का रुख

ब्रोकरेज फर्म HSBC ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों को 140 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ कवर कर रही है। उसका भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को लेकर काफी रूढ़िवादी नजरिया है। लेकिन, ब्रोकरेज को लगता है कि भारत सरकार पॉलिसी के मोर्चे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लगातार सपोर्ट दे रही है। वहीं, ओला के पास बैटरी मैन्युफैक्चरिंग की सहूलियत है, जिसकी बदौलत वह लागत कम कर सकती है। यही वजह है कि HSBC ने ओला को निवेश के लायक बताया है।

Ola Electric के शेयर में गिरावट क्यों?

ओला इलेक्ट्रिक के घाटे में लगातार वृद्धि हो रही है। यही वजह है कि कई एक्सपर्ट ओला के आईपीओ को काफी महंगा बता रहे थे। साथ ही, ओला इलेक्ट्रिक के मार्केट शेयर में भी गिरावट आई थी। यह जून तिमाही में 49 फीसदी थी, जो अगस्त के आखिर में घटकर 31 फीसदी रह गई। वहीं, ओला इलेक्ट्रिक की टीवीएस और बजाज ऑटो जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनी का मार्केट शेयर बढ़ रहा है। इससे ओला के निवेशकों की चिंता भी बढ़ रही है और वे बिकवाली करके इससे बाहर निकल रहे हैं।

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