Hybrid Mutual Funds पर क्यों बढ़ रहा भरोसा, क्या इसमें नहीं होता पैसे गंवाने का जोखिम?
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या 1.35 करोड़ तक पहुंच गई है जो एक साल पहले 1.21 करोड़ थी। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया। आइए जानते हैं कि हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या हैं और ये परंपरागत म्यूचुअल फंड से किस तरह से अलग होते हैं। और इसमें निवेश करना कितना सुरक्षित होता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड (MF) को अमूमन शानदार रिटर्न देने के लिए जाना जाता है। लेकिन, बहुत से लोग म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने से कतराते हैं, क्योंकि ये लोग ज्यादातर शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, जिसमें जोखिम रहता है। अक्सर रिटर्न शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
अगर आप भी जोखिम की वजह से म्यूचुअल फंड में निवेश करने से झिझक रहे हैं, तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड काफी बेहतर विकल्प हो सकता है। एक हालिया खबर के मुताबिक, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या 1.35 करोड़ तक पहुंच गई, जो एक साल पहले 1.21 करोड़ थी।
आइए जानते हैं कि हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या हैं और ये परंपरागत म्यूचुअल फंड से किस तरह से अलग होते हैं। और इसमें निवेश करना कितना सुरक्षित होता है।
यह भी पढ़ें : बढ़ रहा हाइब्रिड म्यूचुअल फंड पर भरोसा, आया 1.45 लाख करोड़ का निवेश, जानें क्या है इसकी वजह
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड कई तरह के होते हैं, जैसे कि डेट, इक्विटी और हाइब्रिड। डेट म्यूचुअल फंड ज्यादातर बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल और कॉमर्शियल पेपर में निवेश करते हैं। वहीं, इक्विटी म्यूचुअल फंड अपनी एसेट का 65 प्रतिशत स्टॉक मार्केट में लगाते हैं।
इन दोनों में रिटर्न से जुड़ा जोखिम होता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। यहां रिटर्न तो अमूमन अच्छा मिलता है, लेकिन मार्केट की गिरावट से रिटर्न खराब भी हो सकता है। वहीं, डेट म्यूचुअल फंड के साथ मसला यह है कि इसमें रिटर्न इक्विटी म्यूचुअल फंड के मुकाबले काफी कम हो सकता है।लेकिन, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड सभी इक्विटी, डेट से लेकर सोने तक में भी निवेश करते हैं। इसलिए इसमें जोखिम कम हो जाता है। साथ ही, रिटर्न भी बेहतर मिलता है।