क्या किराना स्टोर्स का खत्म हो जाएगा वजूद, क्विक कॉमर्स से क्यों डर रहे दुकानदार?
किराना स्टोर्स! राशन-पानी से लेकर दूसरे रोजमर्रा समान लेने का ठिकाना। यहां आप थोड़ा मोल-भाव कर लेते हैं। पुराने ग्राहक हैं तो समान उधार भी मिल जाता है। कुल मिलाकर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं ये पड़ोस की दुकानें यानी किराना स्टोर्स। ये लंबे समय से अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनी हुई है। लेकिन अब इनका वजूद खतरे में हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 'किराना स्टोर के मुकाबले क्विक कॉमर्स से सामान मंगाना सस्ता पड़ता है। मैं टूथपेस्ट और कुछ दूसरे सामान के लिए किराना स्टोर पर गया। वहां पर दुकानदार ने मुझे बताया 265 रुपये। उन्हीं चीजों को मैंने अपने क्विक प्लेटफॉर्म के कार्ट में भी एड कर रखा था और वे मुझे मिल रहे थे 190 रुपये में। अगर मुझे सस्ता सामान अपने घर पर मिल जा रहा है, तो वही सामान मैं दुकान पर जाकर महंगे में क्यों लूंगा।'
यह कहना है नोएडा के रहने वाले शुभम का, जो किराना स्टोर को छोड़कर क्विक कॉमर्स से राशन और रोजमर्रा के दूसरे सामान मंगा रहे हैं। सुभाष की तरह लाखों शहरी उपभोक्ता हैं, जो अब किराना स्टोर्स को छोड़कर ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट और जेप्टो जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म का रुख कर रहे हैं। इसकी वजह से किराना स्टोर्स के वजूद पर गंभीर संकट भी खड़ा हो गया है।
किराना स्टोर्स क्यों खतरे में हैं?
किराना स्टोर्स को सबसे अधिक खतरा है क्विक कामर्स से, जो सिर्फ 10 मिनट राशन का सामान घर पहुंचाने का दावा करते हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी केंद्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों के तेजी से विस्तार पर चिंता जता चुके हैं। उनकी नजर में यह उपलब्धि नहीं, बल्कि 'चिंता का विषय' है।केंद्रीय मंत्री ने पिछले दिनों छोटे मोबाइल स्टोरों की घटती संख्या का जिक्र किया है। उन्होंने कहा, 'अब आप बाजारों में कितने मोबाइल स्टोर देखते हैं और 10 साल पहले कितने थे?' उन्होंने ईकॉमर्स की प्रीडेटरी प्राइसिंग यानी काफी छूट के साथ सामान बेचने को भी खतरनाक चलन बताया।
देश में करीब 1.2 करोड़ किराना स्टोर हैं। इनका सालाना कारोबार 800 अरब डॉलर से अधिक का है। ये किराने का सामान, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स और दूसरी चीजें बेचते हैं। किराना स्टोर से जनता की रोजमर्रा की जरूरतें तो पूरी ही होती हैं, ये रोजगार के भी बड़े साधन हैं। यही वजह है कि सरकार भी किराना स्टोर्स के वजूद को लेकर चिंतित है।