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2030 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा भारत, चालू वित्त वर्ष में शानदार रहेगी जीडीपी ग्रोथ

भारत सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च लगातार बढ़ा रही है। घरेलू खपत भी तेजी से बढ़ रही है। इसका सकारात्मक असर जीडीपी ग्रोथ पर भी दिखने की उम्मीद है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा का कहना है कि 28 वर्ष की औसत आयु के साथ भारत अपने भविष्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 22 Oct 2024 05:59 PM (IST)
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भारत पहले से ही पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ रही है। कई प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसियां अनुमान लगा चुकी हैं कि भारत अगले कुछ साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा। हालांकि, इसके लिए हमें अपनी जीडीपी ग्रोथ को बेहतर रखना होगा।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2024-25 में भारत की जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वहीं, अगले वित्त वर्ष में यह करीब सात प्रतिशत रह सकती है। लेकिन, उसके बाद इस बात की प्रबल संभावना है कि ग्रोथ रेट आठ प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाए।

मैं मानता हूं कि भारत का समय आ गया है 28 वर्ष की औसत आयु के साथ भारत अपने भविष्य की ओर बढ़ रहा है। दुनिया के कई हिस्सों के विपरीत, यहां कामकाजी आयु वर्ग की आबादी बढ़ रही है। हर छठा कामकाजी व्यक्ति भारतीय है।

माइकल देबब्रत पात्रा, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर

पात्रा ने कहा कि भारत को अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था माना जाता है। बाजार विनिमय दरों के मामले में भारत पहले से ही पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और यह 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। मुद्रास्फीति के बारे में उन्होंने कहा कि 2024-25 में इसके औसतन 4.5 प्रतिशत और 2025-26 में 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

एसएंडपी का वृद्धि दर का अनुमान

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत और 2025-26 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के कमजोर निवेश के कारण आर्थिक गति में मंदी के बावजूद भारत का ग्रोथ आउटलुक कई सकारात्मक कारकों से प्रेरित है। एसएंडपी ने कहा, मुद्रास्फीति में कमी, अनुकूल मानसून की स्थिति और सरकार के सामाजिक व्यय में वृद्धि से घरेलू मांग में वृद्धि की उम्मीद है।

मजबूत सरकारी खर्च बढ़ेगी विकास दर

ऑडिट फर्म डेलाइट इंडिया का कहना है कि मजबूत सरकारी खर्च और अधिक मैन्युफैक्चरिंग निवेश के चलते मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7-7.2 प्रतिशत के बीच रह सकती है। उसने कहा है कि वैश्विक वृद्धि में रहने वाली नरमी अगले वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है। भारत सरकार भी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत बदलाव कर रही है।

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