जीडीपी ग्रोथ के मामले में सबसे रहेगा भारत, क्या आम लोगों को भी मिलेगा फायदा?
दुनिया की प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि भारत 2030 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार रहेगा। वहीं एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बेहतर कृषि उत्पादन और अधिक सरकारी खर्च से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन क्या इससे आम जनता को भी फायदा होगा?
एजेंसी, नई दिल्ली। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि मजबूत जीडीपी वृद्धि और सकारात्मक निवेश भावना से प्रेरित होकर भारत 2030 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।
ब्रोकरेज कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले कुछ सालों में देश की आय में स्थिरता आनी शुरू हो गई है, क्योंकि देश वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी लचीला बना हुआ है। पिछले पांच सालों में निफ्टी की कुल आय वृद्धि और बाजार पूंजीकरण दोनों ने 18 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल की है।
कितनी रहेगी भारत की जीडीपी ग्रोथ
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बैंक ने कहा कि बेहतर कृषि उत्पादन और अधिक सरकारी खर्च से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सितंबर के अपने एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) में एडीबी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात पहले के अनुमान से अधिक रहेगा। इसमें बड़ी भागीदारी सर्विसेज की होगी।भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। कृषि सुधारों से ग्रामीण खर्च बढ़ेगा, जो उद्योग और सेवा क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के प्रभावों का पूरक होगा।
मियो ओका, कंट्री डायरेक्टर, एडीबी
हालांकि अगले वित्त वर्ष में निर्यात वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रहेगी। एडीबी ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 में विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना व्यक्त की है। दोनों ही वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान अप्रैल, 2024 में लगाए गए पूर्वानुमान के अनुसार हैं। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।