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Stock Market: पांच सत्रों में चार हजार अंक से ज्यादा लुढ़का सेंसेक्स, सोमवार को कैसा रहेगा माहौल?

भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीन कारोबारी सत्रों में गिरावट देखने को मिल रही है। बीएसई सेंसेक्स तीन सप्ताह के निचले स्तर 81688 पर आ गया है। हालांकि निफ्टी 25 हजार के पार बंद होने में कामयाब रहा। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में निवेशकों की संपत्ति 16.26 लाख करोड़ रुपये घट गई है। आइए जानते हैं कि अगले हफ्ते बाजार का मिजाज कैसा रहेगा।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 04 Oct 2024 08:04 PM (IST)
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अब शेयर मार्केट का आगे का रुख काफी हद तक ईरान-इजरायल संघर्ष और विदेशी निवेशकों के रुख पर निर्भर करेगा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण जारी बिकवाली से घरेलू शेयर बाजारों में बीते पांच दिनों से लगातार गिरावट जारी है। इन पांच सत्रों में बीएसई प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 4,147.67 अंक लुढ़ककर 82 हजार से नीच आ गया है। इसी प्रकार, एनएसई का निफ्टी 1,201.45 अंक लुढ़क चुका है। हालांकि, यह अभी 25 हजार से ऊपर बना हुआ है।

इन पांच सत्रों में निवेशकों की संपत्ति में 16.26 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है और अब बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 460.89 लाख करोड़ रुपये या 5.49 ट्रिलियन डालर रह गया है।

शुक्रवार को भी मार्केट लहूलुहान

एफएमसीजी, आटो और ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में बिकवाली के चलते शुक्रवार को सेंसेक्स भारी उतार-चढ़ाव के बीच 808.65 अंक की गिरावट के साथ तीन सप्ताह के निचले स्तर 81,688.45 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 81,532.45 के निचले स्तर और 83,368.32 के उच्च स्तर तक पहुंचा। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 1,835.64 का उतार-चढ़ाव देखने को मिला।

इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 235.50 अंक गिरकर 25,014.60 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 24,966.80 के निचले स्तर और 25,485.05 के उच्च स्तर तक पहुंचा। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 3,883.4 अंक और निफ्टी में 1,164.35 अंक की गिरावट रही है। यह दोनों प्रमुख सूचकांकों का बीते दो वर्षों के दौरान सबसे खराब साप्ताहिक प्रदर्शन है। व्यापक बाजारों की बात करें तो बीएसई मिडकैप में 0.94 प्रतिशत और स्मालकैप में 0.80 प्रतिशत की गिरावट रही। सूचकांकों में केवल आइटी में तेजी रही।

क्या है मार्केट एक्सपर्ट की राय

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि निवेशक पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष पर नजर रखते हुए रिकवरी की रणनीति अपना रहा है। इससे घरेलू बाजारों में मंदी का माहौल बना हुआ है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और चीन जैसे सस्ते बाजारों में फंड के प्रवाह के बीच निकट भविष्य में बाजार में निराशावाद जारी रहने की उम्मीद है।

बीते तीन दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने नकदी बाजार में 30,614 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की है। एफआईआई महंगे भारतीय बाजारों से पैसा निकालकर सस्ते हांगकांग बाजारों में लगा रहे हैं। एफआईआई को उम्मीद है कि चीन की ओर से लागू किए जा रहे मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन से चीनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और चीनी कंपनियों की आय में सुधार होगा। हालांकि, यह देखना बाकी है कि चीनी सुधार किस तरह से आगे बढ़ते हैं

सोमवार को कैसा रहेगा मार्केट का माहौल

अब शेयर मार्केट का आगे का रुख काफी हद तक ईरान-इजरायल संघर्ष और विदेशी निवेशकों के रुख पर निर्भर करेगा। मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि अगर इजरायल-ईरान युद्ध का संकट गहराता है और विदेशी निवेश बिकवाली जारी रखते हैं, तो भारतीय शेयर बाजार में करेक्शन का दौर आगे बढ़ सकता है। हालांकि हालिया गिरावट के बाद मार्केट में थोड़ा ठहराव या मामूली उछाल आ सकता है। आईटी, मेटल और फार्मा जैसे अहम सेक्टरों में मजबूती दिख रही है। लेकिन, दूसरे सेक्टरों में बिकवाली का दबाव मार्केट को डुबा दे रहा है।

अब आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कटौती जैसी राहत मिलने के आसार भी नहीं है। दरअसल, मौजूदा जियो-पोलिटिकल तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है। अब आरबीआई के लिए यह काफी मुश्किल है कि वह ब्याज दरों में कटौती करके किसी तरह की राहत दे।

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