बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत देगी सरकार? मिल रहे हैं संकेत
पीएम नरेंद्र मोदी ने सात जून को अपने संबोधन में कहा था कि मध्यमवर्ग देश के विकास का चालक है और उनकी भलाई और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग कैसे कुछ बचत कर सके और उनकी जिंदगी को और कैसे आसान बनाई जा सके इस दिशा में हम नीति बनाएंगे। इससे संकेत मिलता है कि सरकार बजट में मिडिल क्लास को कुछ राहत दे सकती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गत सात जून को एनडीए सांसदों के संबोधन में मध्यम वर्ग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से दिए गए बयान से बजट में आयकर छूट को लेकर आस जग गई है। जुलाई के तीसरे सप्ताह में चालू वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के इस बयान को गंभीरता से लेते हुए आयकर में राहत को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। ताकि बजट में आयकर में छूट देकर मध्यम वर्ग को राहत दी जा सके।
क्या कहा था पीएम मोदी ने?
सात जून को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि मध्यमवर्ग देश के विकास का चालक है और उनकी भलाई और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग कैसे कुछ बचत कर सके और उनकी जिंदगी को और कैसे आसान बनाई जा सके, इस दिशा में हम नीति बनाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक मध्यमवर्ग को बचत सुविधा देने का काम शुरू हो गया है। पिछले पांच सालों में आयकर संबंधी कोई छूट नहीं दी गई है। हालांकि अब आयकर की नई व्यवस्था को चुनने वालों को 50,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलाकर 7.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
8 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय में आयकर के स्लैब में बदलाव करने की चर्चा चल रही है ताकि मध्यम वर्ग कुछ बचत कर सके। अभी सालाना 15 लाख से अधिक कमाने वालों को 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होता है। टैक्स दर में बदलाव से होने वाली बचत से मध्यम वर्ग की खपत बढ़ेगी जो अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और गत वित्त वर्ष में यह आंकड़ा आठ करोड़ को पार कर गया। कर देने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए सरकार आगामी बजट में आयकर में राहत की घोषणा कर सकती है।यह भी पढ़ें : दुनियाभर में सिमट रहा NBFC सेक्टर का कारोबार, भारत में दर्ज की दमदार ग्रोथ