Vodafone Idea FPO: क्या FPO की कमाई से जियो और एयरटेल को टक्कर दे पाएगी वोडाफोन आइडिया?
इस वक्त वोडाफोन आइडिया (VI) भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी ने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) के माध्यम से 18000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। यह देश का सबसे बड़ा FPO होगा जो 18 से 22 अप्रैल तक सब्सक्राइब किया जाएगा। आइए जानते हैं कि क्या वोडाफोन आइडिया इस रकम के साथ जियो और एयरटेल का मुकाबला कर पाएगी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (VI) इस वक्त भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी ने अपनी मुश्किलें कम करने की लिए फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) के माध्यम से 18,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। यह देश का सबसे बड़ा FPO होगा, जो 18 से 22 अप्रैल तक सब्सक्राइब किया जाएगा।
FPO क्या होता है?
जब भी कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होकर जनता से पैसा जुटाना चाहती है, तो वह अपना IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग लाती है। वह अपनी हिस्सेदारी बेचकर निवेशकों से पैसा जुटाती है। लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि लिस्टेड कंपनी के सामने वित्तीय चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं। उसे कर्ज चुकाना होता है, अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना होता है, जैसा कि वोडाफोन आइडिया के मामले में हुआ है।
इस स्थिति में लिस्टेड कंपनी निवेशकों के लिए नए शेयर जारी करके पूंजी जुटाती है और इसे कहा जाता है FPO यानी फॉलोऑन पब्लिक ऑफरिंग।
वोडाफोन आइडिया की समस्या क्या है?
साल 2018 में आदित्य बिड़ला की ग्रुप की आइडिया सेल्युलर और ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की भारतीय यूनिट को मिलाकर बनी वोडाफोन आइडिया के पास फंड की तंगी है। कंपनी को इंडस टावर्स जैसे वेंडर का बकाया चुकाना है।
वोडाफोन आइडिया को रिलायंस जियो और भारती एयरटेल से मुकाबले के लिए अपने 4जी नेटवर्क को बेहतर करना है। 5जी सर्विसेज को भी लॉन्च करना है। उसकी दोनों प्रतिद्वंद्वी कंपनियां पूरे देश में 5जी सेवाओं को शुरू कर चुकी हैं।
साथ ही, बैंक लोन भी वोडाफोन आइडिया पर करीब 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। कंपनी ने फंडिंग से करीब इतनी ही रकम जुटाने की योजना बनाई है।फिलहाल, वोडाफोन आइडिया में सरकार की सबसे अधिक 33 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार को यह हिस्सेदारी वोडाफोन आइडिया को डूबने से बचाने के बदले मिली थी।