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वित्त मंत्री ने इंडेक्सेशन सिस्टम हटाया, क्या अब पुराना मकान बेचने पर ज्यादा देना होगा टैक्स?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024 का बजट पेश किया। इसमें उन्होंने प्रॉपर्टी की बिक्री मिलने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म कर दिया। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे अब पुरानी प्रॉपर्टी की बिक्री पर अधिक टैक्स देना होगा। इस मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चीजों को स्पष्ट किया है कि किस स्थिति में आपको फायदा होगा और किस स्थिति में नुकसान।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 24 Jul 2024 03:33 PM (IST)
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पहले प्रॉपर्टी, गोल्ड या अन्य असेट बेचने से होने वाले LTCG पर 20 फीसदी टैक्स लगता था।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप पुराना घर बेचना चाहते हैं, तो अब आपको बिक्री से होने वाली कमाई पर अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इसकी वजह है बजट (Budget 2024) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इंडेक्सेशन लाभ हटाने का एलान। सरकार का कहना है कि इंडेक्सेशन हटाने से करदाता और कर प्रशासन के लिए कैपिटल गेन की गणना आसान हो जाएगी

क्या होता है इंडेक्सेशन लाभ

इंडेक्सेशन का इस्तेमाल किसी एसेट, जैसे कि प्रॉपर्टी, के खरीद मूल्य को मुद्रास्फीति के हिसाब से एडजस्ट किया जाता है। फिर एडजस्टेड प्राइस का उपयोग करके मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स की गणना की जाती है।

पहले प्रॉपर्टी, गोल्ड या अन्य असेट बेचने से होने वाले LTCG पर 20 फीसदी टैक्स लगता था। इसे घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। लेकिन, अब आप अपनी टैक्स देनदारी को कम करने के लिए इंडेक्सेशन का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

इंडेक्सेशन काम कैसे करता था?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) हर साल कॉस्ट इंफ्लेक्शन इंडेक्स (CII) प्रकाशित करता है। इससे पता चलता है कि आधार वर्ष (2001-2002) की तुलना में कीमतों में कितनी वृद्धि हुई है। इंफ्लेशन एडजस्टेड खरीद मूल्य निकालने का तरीका काफी सिंपल है।

आपको मूल खरीद मूल्य को बिक्री वाले मूल्य के साल के CII से गुणा करना है। फिर उसे खरीदने वाले साल के CII से भाग देना है। इस फॉर्मूले से आप साल 2000 के बाद किसी भी संपत्ति का 'उचित बाजार मूल्य' निकाल सकते थे।

बिना इंडेक्सेशन के टैक्स कैसे लगेगा?

अब प्रॉपर्टी की बिक्री पर सीधे 12.5 फीसदी का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। मिसाल के लिए, आपने वित्त वर्ष 2002-03 में 25 लाख रुपये का घर खरीदा और अब इसे 1 करोड़ में बेच रहे हैं। ऐसे में 1 करोड़ रुपये में से 25 लाख रुपये घटा दिया जाएगा। फिर बचे 75 लाख रुपये को LTCG माना जाएगा और इस पर 12.5 फीसदी की दर से टैक्स लेगा। इसका मतलब कि आपको 6 लाख रुपये का टैक्स देना होगा।

बजट 2024-25 के अनुसार, 2001 से पहले खरीदी गई या विरासत में मिली प्रॉपर्टी पर टैक्सपेयर्स के लिए ‘इंडेक्सेशन’ बेनिफिट बरकरार रहेगा। साथ ही, टैक्स रेट में बदलाव 23 जुलाई 2024 से प्रभावी हो गए हैं।

इंडेक्सेशन हटना फायदा नुकसान?

सरकार ने इंडेक्सेशन लाभ को हटाया है, लेकिन रियल एस्टेट प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। सरकार का कहना है कि उसने नियमों को जटिलताओं को कम करने के लिए इंडेक्सेशन का सिस्टम हटाया है। रियल एस्टेट इंडस्ट्री ने भी इसका स्वागत किया है, लेकिन चिंता है कि इससे निकट अवधि में प्रॉपर्टी बेचने वालों को नुकसान हो सकता है।

नई व्यवस्था से किन लोगों को फायदा?

इनकम टैक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया है कि इंडेक्सेशन हटाने के क्या फायदे हैं। उसका कहना है कि अगर आप प्रॉपर्टी को पांच साल तक होल्ड करते हैं और उसकी वैल्यू 1.7 गुणा या इससे अधिक बढ़ती है, तो आप नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार फायदे में रहेंगे। वहीं, 10 वर्ष तक प्रॉपर्टी होल्ड करने पर 2.4 गुणा या इससे अधिक बढ़नी चाहिए।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में पुरानी टैक्स व्यवस्था फायदेमंद रहेगी, जहां रिटर्न कम है यानी करीब 9-11 प्रतिशत प्रति वर्ष से कम। लेकिन, रियल एस्टेट में इतना कम रिटर्न काफी कम ही देखने को मिलता है।

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