Move to Jagran APP

Windfall Tax: कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में हुई कटौती, जानिए क्या होगा इसका असर

Windfall Tax सरकार की ओर से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स घटाकर 7100 रुपये प्रति टन से घटाकर 6700 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। विंडफॉल टैक्स की समीक्षा सरकार की ओर से हर 15 दिन के दौरान की जाती है। विंडफॉल टैक्स पहली बार एक जुलाई2022 को कच्चे तेल के दाम अचानक से बढ़ जाने के कारण तेल कंपनियों पर लगाया गया था।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 02 Sep 2023 09:58 AM (IST)
Hero Image
कच्चे तेल की कीमत 88 डॉलर प्रति बैरल पर है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Windfall Tax on Crude Oil: भारत सरकार की ओर से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स घटाकर 6,700 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। पहले यह 7,100 रुपये प्रति टन था। इसके अलावा डीजल पर निर्यात शुल्क 5.50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 6 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

इसके अलावा एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) यानी जेट फ्यूल पर निर्यात शुल्क 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। नई टैक्स की दरें दो सितंबर से लागू हो गई हैं।

इसका क्या होगा असर?

विंडफॉल टैक्स की समीक्षा सरकार की ओर से हर 15 दिन के दौरान की जाती है। विंडफॉल टैक्स पहली बार एक जुलाई,2022 को कच्चे तेल के दाम अचानक से बढ़ जाने के कारण तेल कंपनियों पर सरकार की ओर से लगाया गया था।

ये निर्यात किए जाने वाले पेट्रोल-डीजल के साथ एटीएफ और घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर लगता है। घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम पर इसका कोई असर नहीं होता है। हालांकि, कच्चे तेल के उत्पादन करने वाली कंपनी जैसे ओएनजीसी और पेट्रोल-डीजल का निर्यात करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज आदि पर इसका असर होता है।

पहली बार सरकार ने कितना लगाया था विंडफॉल टैक्स

सरकार द्वारा पहली बार पिछले साल एक जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। उस समय निर्यात किए जाने पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था।

कच्चे तेल की कीमत 

कच्चा तेल 88 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बना हुआ है। ओपेक देशों की ओर से कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार कटौती करने के कारण कीमतों में उछाल देखा जा रहा है।