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ताबड़तोड़ जमा हो रहे हैं 2000 रुपये के नोट, 6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा बैंकों का डिपॉजिट

19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2000 रुपये के नोट को बंद करने के बाद बैंक जमा में वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार जून में 2000 रुपये के नोटों की वापसी के बीच बैंक जमा छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया जो बढ़कर 191.6 करोड़ हो गया। पढ़िए क्या कहता है आरबीआई का डेटा और क्या है पूरी खबर

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 18 Jul 2023 11:40 PM (IST)
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Rs 2000 notes are piling up wildly, bank deposits reach highest level in 6 years
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक के 2000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने के बाद बैंको का डिपॉजिट जबरदस्त तरीके से बढ़ा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के कारण जून में बैंको की जमा राशि छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और बढ़कर 191.6 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

सालाना 13 फीसदी की उछाल

सामाचार एजेंसी पीटीआई से केयर रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा कि 30 जून को समाप्त पखवाड़े में डिपॉजिट में सालाना 13 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि देखी गई और यह 191.6 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले छह वर्षों (मार्च 2017 के बाद से) में सबसे अधिक है जो आंशिक रूप से 2,000 रुपये के करेंसी नोटों की वापसी और जमा पर उच्च ब्याज दरों द्वारा समर्थित है।

क्या कहता है आरबीआई का डेटा?

इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने कहा था कि 2,000 रुपये के कुल 3.62 लाख करोड़ नोटों में से तीन-चौथाई से अधिक डिपॉजिट (85 प्रतिशत से अधिक) के माध्यम से सिस्टम में वापस आ गए हैं और बाकी नोट एक्सचेंज के रूप में वापस आ गए हैं।

पिछले 12 महीनों में 22 लाख करोड़ रुपये बढ़ा डिपॉजिट

समीक्षा अवधि में डिपॉजिट में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह क्रमिक रूप से 3.2 प्रतिशत बढ़कर 191.6 लाख करोड़ रुपये हो गई है। पिछले 12 महीने में डिपॉजिट में कुल 22 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।

इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में क्रेडिट और जमा वृद्धि के बीच का अंतर नवंबर 2022 में 875 बीपीएस के मुकाबले घटकर 326 आधार अंक रह गया, जो सबसे बड़ा था जिसका कारण दो से तीन पखवड़े में डिपॉजिट में आई तेजी है।

16.2 प्रतिशत बढ़ा क्रेडिट ऑफटेक

पर्सनल लोन, एनबीएफसी और कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के कारण 30 जून को समाप्त समीक्षाधीन पखवाड़े में क्रेडिट ऑफटेक (व्यवसायों और व्यक्तियों द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ली जाने वाली लोन की मात्रा)

सालाना आधार पर 16.2 प्रतिशत की दर से बढ़कर 143.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पिछले साल की समान अवधि में क्रेडिट पिकअप 14.5 फीसदी थी।