भारत को स्थानीय मुद्रा में लोन देने पर विचार कर रहा वर्ल्ड बैंक, कर्ज की लागत कम करने में मिलेगी मदद
G20 के तहत आरबीआई और वित्त मंत्रालय द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आयोजित एक कार्यक्रम में वर्ल्ड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेंसियल ऑफिसरअंशुला कांत ने कहा कि विश्व बैंक भारत जैसे देशों को लोकल करेंसी में लोन देने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो भारत जैसे देशों के लिए कर्ज की लागत में कमी आएगी।
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 12 Aug 2023 09:38 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वर्ल्ड बैंक (World Bank) भारत जैसे देशों को स्थानीय मुद्रा में लोन देने पर विचार कर रहा है। इससे लोन लेने वाले देशों की कर्ज की लागत में कमी आएगी। ये जानकारी वर्ल्ड बैंक के एक वरिष्ठ आधिकारी की ओर से जी-20 (G-20) बैठक के दौरान दी गई।
वर्ल्ड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर, अंशुला कांत ने कहा कि हम भारत जैसे देशों को उनकी लोकल करेंसी में लोन देने के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। कैसे ये कार्य किया जा सकता है, जिससे कि इन देशों को फायदा हो।
अंशुला कांत ने G20 सबमिट में लिया हिस्सा
भारत की ओर से जी-20 के लिए आरबीआई और वित्त मंत्रालय द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आयोजित एक कार्यक्रम पर बोलते हुए अंशुला कांत ने कहा कि भारत को स्थानीय मुद्रा में वर्ल्ड बैंक से लोन लेने में काफी फायदा होगा। वाशिंगटन डीसी स्थित बहुपक्षीय बैंक की ओर से AAA रेटिंग दी गई है।
उनकी ओर से आगे कहा गया कि अफ्रीकी देश जहां पर बुनियादी ढांचा मौजूद नहीं है। बैंक वहां स्थानीय मुद्रा में लोन देने की रणनीति नहीं अपना सकता है।