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World MSME Day: मोदी सरकार की वो पांच स्कीम, जिनके दम पर छोटे उद्योग भारत को बनाएगे 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था

World MSME Day मोदी सरकार की ओर से भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी को पूरा करने के लिए सरकार बड़े स्तर पर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाने वाली एमएसएमई को सपोर्ट कर रही है और इसके लिए कई योजनाओं को चलाया जा रहा है। आइए जानते हैं विस्तार से...

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 27 Jun 2023 02:00 PM (IST)
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MSME के लिए मोदी सरकार की पांच योजनाएं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (Micro, small and medium Enterprises (MSMEs)) को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। इन उद्योगों के अर्थव्यवस्था में महत्व को दर्शाने के लिए आज 27 जून को वर्ल्ड एमएसएमई डे (World MSME Day) मनाया जाता है।

मोदी सरकार ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस कारण MSMEs के योगदान को अर्थव्यवस्था में बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए कई योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं, जिनके बारे में हम इस लेख में बताने जा रहे हैं।

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM)

अगस्त 2016 में सरकारी ई-मार्केटप्लेस को शुरू किया था। इसका उद्देश्य एमएसएमई को एक ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना था, जिसकी मदद से सरकार के सभी विभाग ऑनलाइन ही सीधे एमएसएमई से सामान खरीद सकते हैं। 27 जून, 2023 तक GeM प्लेटफॉर्म पर 8.25 लाख एमएसई पंजीकृत है। इसकी शुरुआत के बाद से सरकार करीब 4.41 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्ट इस प्लेटफॉर्म से खरीद चुकी है।

उद्यम पोर्टल (Udyam Portal)

सरकार ने एमएसएमई के लिए उद्यम पोर्टल को जुलाई 2020 को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य एमएसएमई एटरप्राइज को सरकार के पास ऑनलाइन पंजीकृत करना है। इसकी मदद से कोई भी अपनी एमएमएमई को आसानी से पंजीकृत करा सकता है।

मुद्रा योजना (Mudra Yojana)

मुद्रा योजना को सरकार की ओर से देश में छोटे उद्योगों को लोन देने के लिए शुरू किया गया था। इसे 2015 में लॉन्च किया गया था। इसके लिए सरकार 10 लाख रुपये तक का लोन बिना खेती और नॉन कोरपोरेट सूक्ष्म और माइक्रो एजरप्राइजेज को देती है। इस लोन का उपयोग नए बिजनेस को शुरू करने और पुराने बिजनेस को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

Zed स्कीम

Zed स्कीम को 2016 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की एमएसएमई में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था। इस स्कीम का उद्देश्य एमएसएमई में जेड बेस्ड "Zero Defect, Zero Effect," को बढ़ावा देना है, जिसमें उच्च गुणवत्ता पर फोकस किया जा रहा है।

क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE)

क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज एक काफी अच्छी स्कीम है। इसमें पहली पीढ़ी के उद्यमियों को सरकार पांच करोड़ रुपये तक बिना कुछ गिरवी रखे लोन उपलब्ध कराती है। इसकी 75 प्रतिशत राशि पर गारंटी कवर होता है। MSME मंत्री भानु प्रताप वर्मा की ओर से संसद में बताया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत एक लाख करोड़ से अधिक से लोन दिए गए थे, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में ये आंकड़ा 56,172 करोड़ रुपये पर था।