WPI Inflation: रिटेल के बाद थोक महंगाई भी घटी, जुलाई में 2.04 फीसदी रहा इन्फलेशन रेट
आज थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी हो गए है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2.04 फीसदी पहुंच गया है। यह जून की तुलना में काफी कम है। 12 अगस्त को खुदरा महंगाई दर जारी हुए थे। जुलाई में खुदरा महंगाई दर में भी नरमी देखने को मिली है। पढ़ें पूरी खबर..
पीटीआई, नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादों के दाम में नरमी आने से थोक महंगाई दर भी घटा है। जुलाई में डब्ल्यूपीआई 2.07 फीसदी रहा है। यह जून में 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गया था जो कि 16 महीने का उच्चतम स्तर था।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि WPI पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई 2024 में 2.04 फीसदी थी, जबकि जून 2024 में यह 3.36 फीसदी थी।
- प्राथमिक वस्तुओं का महंगाई दर जुलाई 2024 में 3.08 फीसदी रही।
- ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति दर जुलाई 2024 में बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई।
- मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट ग्रुप की महंगाई दर जुलाई में बढ़कर 1.58 फीसदी हो गई।
रिटेल महंगाई में भी गिरावट
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में रिटेल मंहगाई दर 3.54 प्रतिशत रही। यह 5 साल के निचले स्तर पर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखा था। अगस्त में हुए एमपीसी बैठक में मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा।
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