WTO Agreements: मछुआरों को राहत, मत्स्य पालन सब्सिडी समेत कई मुद्दों पर डब्ल्यूटीओ सहमत
WTO ने मछुआरों को बड़ी राहत दी है। डब्ल्यूटीओ मत्स्य पालन सब्सिडी समेत कई मुद्दों पर सहमत हो गया है। बता दें कि बीते दिन डब्ल्यूटीओ की बैठक से मछुआरों की सब्सिडी खत्म होने की खबरें सामने आ रही थीं जिसके बाद मछुआरों ने डब्ल्यूटीओ के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
By Sarveshwar PathakEdited By: Updated: Sat, 18 Jun 2022 07:50 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। मत्स पालन करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक दो दिन-रात की गहन बातचीत के बाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य राहत पैकेज घोषणा करने के लिए राजी हो गए हैं। डब्ल्यूटीओ मत्स्य पालन सब्सिडी समेत कई मुद्दों पर सहमत हो गया है। इसमें कोविड और हानिकारक मछली पकड़ने की सब्सिडी की जांच करने जैसे कदम भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक डब्ल्यूटीओ के सदस्य कई समझौतों पर पूरी तरह से सहमत हुए हैं। साथ ही उन्होंने सर्वसम्मति से उन समझौतों पर हस्ताक्षर भी किया है। अस्थायी पेटेंट (ट्रिप्स) छूट पर निर्णय जल्द ही किसी भी समय होने की उम्मीद है। इस पर अमेरिका की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई मुद्दों पर औपचारिक घोषणा जल्द ही किए जाने की संभावना है। पहली बार अत्यधिक मछली पकड़ने, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और अवैध, गैर-रिपोर्टेड और अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने पर प्रस्तावित समझौते पर बातचीत की गई है।
सूत्र ने कहा कि भारत के उदाहरण पर ईईजेड (एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन) पर सोवेरन लैंडमार्क (sovereign landmarks) को मजबूती से स्थापित किया गया है। यह वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है। 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों से लाभान्वित होने वाले प्रमुख हितधारक मछुआरे, किसान, खाद्य सुरक्षा और व्यापार हैं।
डब्ल्यूटीओ के अगले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन या मार्च 2024 के बाद माल के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क लगाने पर रोक जारी रखने के मुद्दे का अंतिम समाधान खोजने पर भी सहमति हुई। सूत्रों में से एक ने इसे WT0 के इतिहास में सबसे सफल सम्मेलन करार दिया, क्योंकि इसने संगठन को पुनर्जीवित किया है।
सूत्र ने बताया कि इस सम्मेलन में बहुपक्षवाद को बहाल किया गया है। भारत ने एक प्रमुख नेतृत्व की भूमिका निभाई और विकासशील दुनिया और एलडीसी (कम से कम विकसित देशों) को आवाज दी। विकासशील देश विभिन्न सत्रों के दौरान समय-समय पर हर गतिरोध को तोड़ने के लिए आम सहमति बना रहे थे और समाधान प्रदान कर रहे थे। इस सम्मेलन में सभी मुद्दों पर निर्णय विकसित और विकासशील सदस्य देशों के बीच सौहार्द देखने को मिला।
मछुआरों और किसानों के हितों की रक्षा सूत्रों ने कहा कि मुद्दों पर सहमति के दौरान टीम का शानदार प्रयास था। मत्स्य पालन के फैसले पर एसीपी (अफ्रीकी, कैरिबियन और प्रशांत देशों) क्षेत्र की चिंताओं को पूरी तरह से संबोधित किया गया था। उन्होंने कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्गदर्शन और दिशा मिल रही थी। भारतीय टीम का फोकस मछुआरों और किसानों के हितों की रक्षा करना था। ये फैसले एक मजबूत संकेत भी भेजते हैं कि दुनिया खाद्य सुरक्षा और महामारी जैसे मानवीय संकट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर एक साथ आ सकती है।
- Piyush Goyal (@piyushgoyal) 17 June 2022