Yes Bank Cap Withdrawal: बैंक के ग्राहकों को झटका, अब खाते से नहीं निकाल पाएंगे 50 हजार रुपये से ज्यादा
yes bank news यदि किसी खाताधारक के इस बैंक में एक से अधिक खाते हैं तब भी वह कुल मिलाकर 50 हजार रुपये ही निकाल सकेगा।
By NiteshEdited By: Updated: Fri, 06 Mar 2020 08:27 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है। यस बैंक पर 30 दिन की अस्थायी रोक लगाते हुए इस दौरान खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी है। इस पूरी अवधि में खाताधारक 50 हजार रुपये से अधिक नहीं निकाल सकेंगे। यदि किसी खाताधारक के इस बैंक में एक से अधिक खाते हैं तब भी वह कुल मिलाकर 50 हजार रुपये ही निकाल सकेगा। RBI की अधिसूचना में कहा गया है कि आज शाम छह बजे से यह रोक शुरू हो गयी है और 03 अप्रैल तक जारी रहेगी।
Reserve Bank of India (RBI) puts Yes Bank under moratorium. Withdrawals have been capped at Rs 50,000. pic.twitter.com/RidOCV2Rmp
— ANI (@ANI) March 5, 2020
जमा पर निकासी प्रतिबंध कुछ शर्तों के अधीन होगा। केन्द्रीय बैंक सामान्य या विशेष आदेश द्वारा, बैंक को निम्नलिखित अप्रत्याशित परिस्थितियों में 50,000 रुपये से अधिक की निकासी की अनुमति दे सकता है...
- जमाकर्ता या वास्तविक रूप से उस पर आश्रित किसी व्यक्ति के चिकित्सा उपचार के संबंध में,
- जमाकर्ता या वास्तविक रूप से उस पर आश्रित किसी व्यक्ति की शिक्षा के लिए भारत में या भारत से बाहर लागत को चुकाने के संबंध में
- जमाकर्ता या उसके बच्चों या वास्तविक रूप से उस पर आश्रित किसी अन्य व्यक्ति के विवाह या अन्य समारोह के संबंध में बाध्यकर खर्चों के लिए
- किसी अन्य अपरिहार्य इमरजेंसी के संबंध में
बता दें कि यस बैंक ने जो कर्ज बांटा था उसमें अधिकांश डूब गए हैं, बैंक इस समस्या से जूझ रहा है। बैंक चाहता है कि नई पूंजी जुटाई जाए लेकिन इस काम में उसे दिक्कत आ रही है। इसी वजह से बैंक ने दिसंबर, 2019 की तिमाही नतीजे भी घोषित नहीं किए हैं। एनपीए की वजह से बैंक की सुरक्षित पूंजी कम हो गई है।RBI imposes moratorium on Yes Bank; caps withdrawals at Rs 50,000: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) March 5, 2020
गौरतलब है कि तकरीबन 6 महीने पहले आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव पीएमसी बैंक पर इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था। केन्द्रीय बैंक ने पीएमसी बैंक से अधिकतम 10 हजार रुपये की विड्रॉल लिमिट तय की थी। हालांकि, बाद में इसे बढ़ा दिया गया था। पीएमसी बैंक में वित्तीय गड़बड़ी मिलने के बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया था।
एसबीआइ-एलआइसी के हवाले होगा यस बैंकपहले प्रमोटरों की लड़ाई और उसके बाद गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को उबारने का फार्मूला लगभग तैयार हो गया है। वित्त मंत्रालय, आरबीआइ और बाजार नियामक एजेंसी सेबी के बीच विचार विमर्श से तैयार इस फार्मूले के मुताबिक यस बैंक में 49 फीसद हिस्सेदारी सरकारी क्षेत्र के दो वित्तीय संस्थानों एसबीआइ और एलआइसी को सौंपी जाएगी। एलआइसी व एसबीआइ के पास बराबर की 24.5 फीसद हिस्सेदारी होगी। जरूरत पड़ने पर इनमें से कुछ दूसरे वित्तीय संस्थानों को भी जोड़ा जा सकता है। इक्विटी हस्तांतरण का फैसला होने के बाद ये दोनो मिल कर यस बैंक के लिए नए एमडी व सीईओ की नियुक्ति करेंगे।
बाजार के जानकारों के मुताबिक एसबीआइ व अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक की इक्विटी महज दो रुपये प्रति शेयर की दर से दी जाएगी।सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एसबीआइ के निदेशक बोर्ड की गुरुवार को मुंबई में विशेष बैठक की जा रही है। सरकार की इन तैयारियों की खबर आने के कुछ ही देर बाद निवेश सलाहकार एजेंसी जेपी मोर्गन ने निवेशकों के लिए यस बैंक के शेयरों की कीमत के लक्ष्य को घटा कर 1 रुपये प्रति शेयर कर दिया। जबकि एक दिन पहले ही इसने यह लक्ष्य 55 रुपये प्रति शेयर का तय किया था।