सीडीएम में नकद भी जमा कर सकेंगे यूपीआई से, प्रीपेड कार्ड का यूपीआई भुगतान अन्य एप से भी
कुछ महीने पहले तक यूपीआई से सिर्फ पेमेंट किया जा सकता था लेकिन अब इसके इस्तेमाल से एटीएम से बिना डेबिट कार्ड के कैश भी निकाला जा सकता है। लेकिन आने वाले महीनों में यूपीआई की मदद से कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) में नकद जमा भी कर सकेंगे। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह जानकारी दी है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कुछ माह पहले तक यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की मदद से सिर्फ भुगतान किया जा सकता था। अब यूपीआई का इस्तेमाल कर एटीएम से बिना डेबिट कार्ड के नकदी भी निकाली जा सकती हैं। लेकिन आने वाले महीनों में यूपीआई की मदद से कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) में नकद जमा भी कर सकेंगे।
शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिना किसी कार्ड के एटीएम से नकद निकासी के अनुभव को देखते हुए अब यूपीआई से नकद जमा शुरू करने का प्रस्ताव लाया गया है। इससे ग्राहकों के साथ बैंकों को भी सुविधा होगी। आरबीआई इस नए प्रस्ताव के लागू होने का विस्तृत ब्योरा कुछ दिनों में घोषित करेगा।
दास ने यूपीआई यूजर्स की सुविधा के लिए एक और घोषणा की। प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) इस्तेमाल करने वाले यूजर्स अब किसी अन्य ऐप से जुड़कर भी यूपीआई भुगतान कर सकेंगे। अभी पीपीआई रखने वाले यूजर्स यूपीआई भुगतान सिर्फ उस पीपीआई के एप से कर सकते हैं। मुख्य रूप से ई-गिफ्ट कार्ड या मोबाइल वॉलेट को पीपीआई माना जाता है।
अभी अगर किसी के पास प्लक्सी इंडिया का प्रीपेड कार्ड है तो उस कार्ड में जमा रकम से खरीदारी करने के लिए या तो ग्राहक को कार्ड अपने साथ रखना होगा या फिर प्लक्सी इंडिया के एप पर जाकर यूपीआई से उसका भुगतान करना होगा। प्रस्तावित नियम के मुताबिक यूजर्स प्रीपेड कार्ड को गूगल पे, फोन पे जैसे ऐप से जोड़ कर भुगतान कर सकेगा।
आरबीआई ने नान बैंक पेमेंट सिस्टम के जरिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) या ई-रुपए को मुहैया कराने का भी फैसला किया है। गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे नान बैंक पेमेंट सिस्टम या थर्ड पार्टी एप अब ग्राहकों को ई-रुपए मुहैया करा सकेंगे ताकि ई-रुपए का चलन बढ़ सके। अभी सिर्फ बैंक से ही ई-रुपये मिल सकते हैं।
इस बारे में विस्तृत निर्देश बाद में जारी होगा। सरकारी प्रतिभूति खरीदने वाले खुदरा निवेशकों की सुविधा के लिए आरबीआइ ने मोबाइल एप लाने का भी फैसला किया है। रिन्यूएबल परियोजनाओं की वित्तीय व्यवस्था के लिए इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (आईएफएससी) के माध्यम से ग्रीन बांड भी लाया जाएगा। इसके बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।यह भी पढ़ें : RBI MPC Meet 2024: महंगाई का 'हाथी' काबू में, सस्ते कर्ज के लिए अभी करना होगा इंतजार