Move to Jagran APP

SEBI का प्लान: SIP में 250 रुपये से शुरू कर सकेंगे निवेश, IPO भी कई भाषाओं में होगा उपलब्ध

सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच ने कहा कि सेबी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेजों को कई भाषाओं में उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। इससे भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने और निवेशक जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। धवी पुरी बुच का कहना है कि निवेशक जल्द ही 250 रुपये प्रति माह से एसआईपी में निवेश कर सकेंगे। मार्केट रेगुलेटर इस दिशा में जरूरी कदम उठा रहा है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 02 Sep 2024 07:21 PM (IST)
Hero Image
अभी कुछ ही फंड हाउस 100 रुपये प्रति माह के निवेश वाली एसआईपी का विकल्प देते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। खासकर, लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिहाज से ये आम निवेशकों को काफी पसंद आ रही हैं। लेकिन, अभी एसआईपी की न्यूनतम किस्त एक बड़ा मसला है। ज्यादा फंड हाउस 1 हजार या 5 सौ रुपये वाली एसआईपी स्कीमें चलाते हैं। सिर्फ चंद फंड ही हैं, जो 100 रुपये महीना वाली स्कीम ऑफर करते हैं।

लेकिन, अब कम एसआईपी किस्त चाहने वाले निवेशकों को अधिक विकल्प मिल सकता है। मार्केट रेगुलेटर सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच का कहना है कि निवेशक जल्द ही 250 रुपये प्रति माह से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश कर सकेंगे।

सेबी चीफ ने क्या कहा?

उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में बुच ने कहा कि हम 250 रुपये मासिक किस्त वाली एसआईपी को हकीकत बनाने की राह पर हैं। अभी अधिकांश फंड हाउस न्यूनतम एक हजार या पांच सौ रुपये प्रति माह के निवेश वाली एसआइपी संचालित करते हैं। कुछ ही फंड हाउस 100 रुपये प्रति माह के निवेश वाली एसआइपी का विकल्प देते हैं।

बुच ने कहा कि सेबी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेजों को कई भाषाओं में उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। इससे भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने और निवेशक जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

रीट पर टिप्पणी से इन्कार

हितों के टकराव की बात कहते हुए बुच ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया और कहा कि ऐसी इकाइयों के सरलीकरण के नियम मौजूद हैं। अमेरिकी की शार्ट-सेलर फर्म ने हाल में आरोप लगाया था कि रीट से जुड़े हालिया संशोधनों से एक विशिष्ट वित्तीय समूह को लाभ पहुंचा है। हालांकि, सेबी ने इन आरोपों से इन्कार किया था।

कार्यक्रम में बुच ने कहा कि एक्सचेंज में एक ही फाइलिंग बहुत जल्द वास्तविकता बन जाएगी और किसी सूचीबद्ध कंपनी की ओर से एक शेयर बाजार में दी गई जानकारी स्वत: ही दूसरे एक्सचेंज पर 'अपलोड' हो जाएगी।

यह भी पढ़ें : आईपीओ लिस्टिंग के एक ही हफ्ते में 54 फीसदी शेयर बेच देते हैं निवेशक, क्या है वजह?