Budget 2024: वित्तीय सुधार पर आएगा नया एजेंडा, अगले पांच वर्षों की तय होगी कार्यनीति
आम बजट 2024 के भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी सरकार वित्तीय क्षेत्र विजन और कार्यनीति दस्तावेज लाएगी। बताया जा कहा है कि 2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में स्थापित करने के लिए वित्तीय क्षेत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहने वाली है। यह अगले पांच वर्षों के लिए कार्यसूची निर्धारित करेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में स्थापित करने के लिए वित्तीय क्षेत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहने वाली है। भारत के वित्तीय सेक्टर में वैसे तो लगातार संशोधन किया जा रहा है लेकिन सरकार की तरफ से अब इसमें समग्र तौर पर नई नीति बनाने की मंशा जताई गई है। इसके लिए एक पंचवर्षीय एजेंडा ले कर सरकार सामने आने वाली है।
इसकी घोषणा आम बजट 2024-25 पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए, हमारी सरकार वित्तीय क्षेत्र विजन और कार्यनीति दस्तावेज लाएगी। यह अगले पांच वर्षों के लिए कार्यसूची निर्धारित करेगा और सरकार, विनियामकों, वित्तीय संस्थाओं और बाजार भागीदारों के कार्य को मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
वित्तीय क्षेत्र में सुधार
वित्तीय क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार दो अन्य अहम कदम उठाने जा रही है। इसें एक है ऋण वसूली प्राधिकरणों को मजबूत बनाने का कदम। इससे बैंकों में फंसे कर्जे (एनपीए) को तेजी से घटाने में मदद मिलेगी। जब से दिवालिया कानून (आइबीसी) लागू हुआ है तब से ऋण वसूली प्राधिकरणों की भूमिका सीमित हुई है लेकिन इनकी अहमियत भी अभी भी है।यह भी पढ़ें- Budget 2024: किसानों के लिए खास है इस बार का बजट, नेचुरल फार्मिंग और उत्पादकता बढ़ाने पर सरकार का जोर
3.3 लाख करोड़ रुपये की वसूली
आइबीसी के संदर्भ में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि अभी तक इससे एक हजार कंपनियों का समाधान किया गया है। जिससे इन कंपनियों से 3.3 लाख करोड़ रुपये की वसूली ऋणदाताओं को हुई है। दिवालिया प्रक्रिया को सरकार और तेज करेगी। खास तौर पर इसके अपीलीय प्राधिकरणों को और मजबूत किया जाएगा। अतिरिक्त अपीलीय अधिकरणों की स्थापना होगा। अलग-अलग सेक्टर में विशेष अधिकरण स्थापित किये जाएंगे।वित्तीय क्षेत्र में सुधार के साथ ही सरकार ग्रीन टेक्नोलोजी के लिए जरूर वित्त सुविधा जुटाने को लेकर भी कुछ अहम घोषणा की है। जलवायु वित्त के लिए टैक्सोनोमी (क्षेत्रों को वर्गीकृत करने की प्रणाली) विकसित की जाएगी। इसके साथ ही व्यवसाय करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने का काम भी तेज किया जाएगा। इस बारे में वित्त मंत्री ने कहा है कि राज्यों को अपने व्यवस्था सुधार कार्य योजना को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह केंद्र सरकार की जनविश्वास विधेयक 2.0 से अलग होगा।
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