Move to Jagran APP

IPO Listing: इस IPO ने लिस्टिंग के दिन ही कर दी निवेशकों की चांदी, दिया 200 फीसदी का तगड़ा मुनाफा

ओवैस मेटल 26 फरवरी को खुला था। इसे निवेशकों ने 28 फरवरी तक सब्सक्राइब किया था। प्राइस बैंड 83-87 रुपये प्रति शेयर था। इसका आईपीओ ओवरऑल 221 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ। इसने लिस्टिंग के बाद निवेशकों को 187 फीसदी का तगड़ा मुनाफा दिया है। फिर अपर सर्किट लगने के बाद निवेशकों का मुनाफा बढ़कर 202 फीसदी पर पहुंच गया।

By Jagran News Edited By: Suneel KumarUpdated: Mon, 04 Mar 2024 11:41 AM (IST)
Hero Image
ओवैस मेटल 26 फरवरी को खुला था, जिसे 28 फरवरी तक सब्सक्राइब किया गया था।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। मेटल्स-मिनरल्स का प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग करने वाली ओवैस मेटल (Owais Metal) ने लिस्टिंग के वक्त ही अपने निवेशकों को 187 फीसदी का तगड़ा रिटर्न दे दिया। फिर अपर सर्किट लगने के बाद निवेशकों का मुनाफा बढ़कर 202 फीसदी पर पहुंच गया।

इस स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) ने IPO में अपने शेयरों को 87 रुपये के भाव पर जारी किया था। लेकिन, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर एंट्री 250 रुपये के भाव पर हुई है। ओवैस मेटल का शानदार प्रदर्शन यहीं नहीं थमा। लिस्टिंग के बाद भी इसकी डिमांड बनी रही। इसमें अपर सर्किट लगा और शेयर 262.50 रुपये पर पहुंच गए।

कब खुला था ओवैस मेटल का आईपीओ?

ओवैस मेटल 26 फरवरी को खुला था, जिसे 28 फरवरी तक सब्सक्राइब किया गया था। इसका प्राइस बैंड 83-87 रुपये प्रति शेयर था। इसे निवेशकों ने तगड़ा रिस्पॉन्स दिया था, जिसके चलते आईपीओ ओवरऑल 221 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ। आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 49,07,200 नए शेयर जारी हुए हैं।

यह भी पढ़ें : अमेरिका में मिल रही ज्यादा बॉन्ड यील्ड, फिर भारतीय बाजार में निवेश क्यों बढ़ा रहे FPI

IPO से जुटाए पैसों का क्या करेगी कंपनी?

ओवैस मेटल आईपीओ से मिले पैसों से अपना बिजनेस बढ़ाने पर फोकस करेगी। इसमें नए इक्विपमेंट खरीदने के साथ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने जैसी चीजों भी शामिल हैं। कंपनी इन पैसों को अपना सामान्य कॉर्पोरेट कामकाज में भी खर्च करेगी। इससे कंपनी का प्रदर्शन और बेहतर होने का अनुमान है।

ओवैस मेटल की शुरुआत कब हुई?

अपने आईपीओ से निवेशकों को मालामाल करने वाली ओवैस मेटल काफी नई कंपनी है। इसकी शुरुआत दो साल पहले यानी साल 2022 में हुई थी। यह मध्य प्रदेश की कंपनी है, जिसका मैन्युफैक्चरिंग प्लांट वहां के मेघनगर में है।

यह भी पढ़ें : सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में ताइवान-चीन का दबदबा खत्म करने को तैयार भारत, जानिए क्या है सरकार का पूरा प्लान