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बदल जाएगी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की तस्‍वीर, पेशेवर स्वास्थ्य कर्मियों के हाथों में होगी स्वास्थ्य सेवाओं की कमान

स्वास्थ्य के लिए आधारभूत और अत्याधुनिक ढांचे के निर्माण के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की कमान भी अब प्रशिक्षित पेशेवर स्वास्थ्य कर्मियों के हाथों में सौंपी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नए सुधारों का एलान किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:12 AM (IST)
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वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी दूर करने के लिए नए सुधारों का एलान किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। स्वास्थ्य के लिए आधारभूत और अत्याधुनिक ढांचे के निर्माण के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की कमान भी अब प्रशिक्षित पेशेवर स्वास्थ्य कर्मियों के हाथों में सौंपी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी दूर करने के लिए नए सुधारों का एलान किया है। इसके तहत नर्सिंग प्रशिक्षण को नियमित करने के लिए विशेष नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफ कमीशन बनाया जाएगा।

नेशनल नर्सिंग काउंसिल निभाएगा बड़ी जिम्‍मेदारी

फिलहाल देश में नर्सिंग व मिडवाइफ के प्रशिक्षण के नियमन की जिम्मेदारी नेशनल नर्सिंग काउंसिल की है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की तरह नेशनल नर्सिंग काउंसिल में भ्रष्टाचार और लालफीताशाही के आरोप लगते रहे हैं और देश में प्रशिक्षित नर्सों व मिडवाइफ की कमी के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है।

नेशनल नर्सिंग कमीशन बनाने का प्रस्ताव

निर्मला सीतारमण ने अब नेशनल नर्सिंग काउंसिल की जगह नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफ कमीशन बनाने का प्रस्ताव किया है, जिससे संबंधित विधेयक जल्द ही संसद में लाए जाएंगे। इससे नर्सिंग प्रशिक्षण के ढांचे को अत्याधुनिक बनाने में मदद मिलेगी।

नर्सिंग एंड मिडवाइफ कमीशन भी मिलकर करेंगे काम

ध्यान देने की बात है कि सरकार ने मेडिकल शिक्षा को नियमित करने के लिए भी मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया को भंग कर नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन किया है। माना जा रहा है कि नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफ कमीशन भी नेशनल मेडिकल कमीशन की तर्ज पर काम करेगा।

प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ के लिए कमीशन

डाक्टर एवं नर्स के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत होती है। एलाइड हेल्थकेयर वर्कर्स कहे जाने वाले ये पैरामेडिकल स्टाफ अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन से लेकर ईसीजी की मशीन के इस्तेमाल जैसे कई क्षेत्रों में अहम भूमिका अदा करते हैं। लेकिन इनके लिए गुणवत्तापूर्ण व एक समान प्रशिक्षण के देशव्यापी ढांचे की कमी है। फिलहाल एलाइड हेल्थ केयर काउंसिल आफ इंडिया इस क्षेत्र को रेगुलेट करने का काम कर रही है।

पैरामेडिकल स्टाफ की कमी होगी दूर

निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस क्षेत्र को नियमित करने के लिए पिछले साल सितंबर में ही नेशनल कमीशन फार एलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स बिल संसद में पेश किया जा चुका है। जाहिर है सरकार इसी साल इन दोनों विधेयकों को पास कराने की कोशिश करेगी। इससे देश में डाक्टरों के साथ-साथ प्रशिक्षित नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने में मदद मिलेगी।