Budget 2023: टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने की कोशिश, बने रहेंगे पुराने स्लैब
Budget 2023 बजट में इस बार टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि हम नए टैक्स प्रारूप को डिफाल्ट सिस्टम और टैक्स जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Thu, 02 Feb 2023 08:34 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह बिना छूट की सरल कर व्यवस्था लाना चाहती हैं। टैक्स के नए प्रारूप से मध्यम वर्ग को लाभ होगा। इनकम टैक्स की जो पुरानी व्यवस्था है उसमें छूट का लाभ है तो वह जटिल भी है।
हमारी हमेशा से यह सोच रही है कि टैक्स व्यवस्था को जटिल मत बनाओ। नए टैक्स प्रारूप में इसे सरल बनाने की कोशिश की गई है, क्योंकि पुराने टैक्स में लोग टैक्स बचाने के और रास्ते खोजते हैं। टैक्स बचत के लिए निवेश सोच को ही बदलना है। उन्होंने कहा कि जब पैसा बचेगा तो टैक्सपेयर्स अपनी मर्जी से निवेश कर सकेंगे।
नए टैक्स सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि हम नए टैक्स प्रारूप को डिफाल्ट सिस्टम बनाना चाहते हैं। मतलब जब टैक्स भरने के लिए कंप्यूटर खोलेंगे तो पहले नया टैक्स स्लैब सामने आएगा। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि पुराना टैक्स प्रारूप खत्म हो गया। धीरे-धीरे हम टैक्सपेयर्स को नए प्रारूप की ओर लाना चाहते हैं।
रोजगार सृजन से जुड़े सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जब प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं और उन प्रोजेक्ट्स में निवेश हो रहे हैं तो रोजगार का सृजन स्वत: ही होगा, क्योंकि किसी भी प्रोजेक्ट को बिना श्रमिकों की सहभागिता के पूरा नहीं किया जा सकता है। रेलवे या सड़क निर्माण जैसे सभी इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स से रोजगार का सृजन होता है। इस बार के बजट में इन्फ्रा सेक्टर पर निवेश के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
महंगाई हो रही कम
सीतारमण ने कहा कि बजट में महंगाई को लेकर सीधे तौर पर कोई संवाद नहीं किया गया है, लेकिन महंगाई कम करने के लिए पहले से ही सरकार प्रयास कर रही है और महंगाई अब कम भी हो रही है। गेहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार उस पर लगाम के लिए पहले ही कदम उठा चुकी है।