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Budget 2024-25: बदल जाती है तारीख, लीक भी हो जाता है बजट; क्या आप जानते हैं Budget से जुड़े ये फैक्ट

Budget 2024-25 जिस प्रकार हमें खुद के लिए बजट प्लान करते हैं। ठीक उसी प्रकार सरकार द्वारा भी हर साल बजट पेश किया जाता है। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट (Interim) पेश करने वाली है। कई बार बजट की तारीख बदली गई है तो एक बार बजट लीक भी हो गया है। चलिए इस आर्टिकल में बजट से जुड़े कुछ फैक्ट्स के बारे में जानते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 01 Feb 2024 10:00 AM (IST)
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बदल जाती है तारीख, लीक भी हो जाता है बजट

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Budget 2024: आज वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण बजट पेश करने वाली है।इस बार निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) छठी बार बजट पेश करेंगी।  इस साल चुनाव की वजह से सरकार यूनियन बजट (Union Budget) की जगह पर अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेगी।

सरकार ने पहले ही बता दिया था कि वह अंतरिम बजट में भी वोट ऑन अकाउंट (Vote On Account) पेश करेंगी। यह एक तरह से अस्थायी बजट होता है।

केंद्र सरकार में नई सरकार के आने के बाद यूनियन बजट पेश किया जाएगा। यूनियन बजट एक पूरे वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है। आपको पता है कि देश के पहले बजट यानी वर्ष 1948 से लेकर वर्ष 2023 तक बजट में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। चलिए, बजट से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट के बारे में जानते हैं।

तारीख में हुआ बदलाव

वर्ष 2016 तक फरवरी महीने की आखिरी वर्किंग डे पर बजट पेश किया जाता था। लेकिन, वर्ष 2017 में इसकी तारीख में बदलाव किया गया है। उस समय के तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitely) ने पहली बार 1 फरवरी को बजट पेश किया था।

बजट की तारीख को बदलने की वजह थी कि वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होता है। ऐसे में जब फरवरी के आखिर में बजट पेश किया जाता है तो बजट के प्रस्ताव को अमल करने में देरी होती है। इस वजह से वित्त वर्ष के शुरुआत में नीतियां और बजट प्रस्ताव लागू नहीं हो पाती है। इस वजह से बजट पेश करने की तारीख को बदला गया था।

1 फरवरी को जब से बजट पेश किया गया है तो उसे वित्त वर्ष के शुरुआत में आसानी से लागू किया जा सकता है। दरअसल, बजट में पेश प्रस्ताव को पहले संसद से मंजूरी मिलती है। इसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी लेने के बाद उसे लागू किया जाता है।

बजट के टाइम में बदलाव

स्वतंत्रता के बाद भी बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। दरअसल, यह समय ब्रिटिश काल की परंपरा है। ब्रिटेन में सुबह 11 बजे बजट पेश किया जाता है, जो भारत की समय के अनुसार शाम 5 बजे होता है। इस वजह से भारत में भी शाम 5 बजे बजट पेश किया जाने लगा।

27 फरवरी 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने पहली बार बजट पेश करने के समय को बदला।

वर्ष 1999 में सुबह 11 बजे बजट पेश किया गया था। तब से अभी तक सुबह 11 बजे बजट पेश किया जाता है।

हलवा सेरेमनी

बजट पेश करने से एक हफ्ते पहले हलवा सेरेमनी आयोजित किया जाता है। इसमें वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हलवा बांटा जाता है। इस सेरेमनी के साथ ही बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा।

क्या आप जानते हैं कि बजट की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सरकार सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हैं। बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को प्रियजनों से संपर्क करने की अनुमति नहीं होती है।

इस अवधि को लॉक इन अवधि कहा जाता है। अब यह अवधि 2 हफ्ते से कम होकर 5 दिन हो गई है।

डिजिटल बजट

अब बजट भी डिजिटल तरीके से बजट पेश किया जाता है। वर्ष 2021 में पहली बार पेपरलेस बजट यानी डिजिटल बजट (Digital Budget) पेश किया गया है। इसके लिए केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया। इसके बाद से डिजिटल बजट पेश किया जाता है। अब एक टैब के जरिये डिजिटल बजट पेश किया जाता है।  

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बंद हुई ब्रीफकेस परंपरा

बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री ब्रीफकेस में बजट पेपर्स को लेकर संसद आते थे। लेकिन, अब ब्रीफकेस परंपरा भी धीरे-धीरे बंद हो गई। वर्ष 2019 से एक नई परंपरा शुरू हुई है। दरअसल, वर्ष 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लाल कपड़े या पाउच में लेकर आई थी। इस लाल कपड़े और पाउच को बही खाता नाम दिया गया।

दो हिस्सों में पेश होता है बजट

केंद्रीय बजट को दो भाग में पेश किया जाता है। एक होता है वार्षिक वित्तीय विवरण। इसमें सरकार आने वाले वित्त वर्ष की रेवेन्यू की समरी पेश करते हैं। वहीं, दूसरा होता है डिमांड फॉर ग्रांट (Demand For Grant) है।

इसमें बताया जाता है कि आने वाले वित्त वर्ष में सरकार कहां-कहां खर्च करेगी इसकी रूपरेखा पेश की जाती है।

बजट हुआ था लीक

वर्ष 1950 तक बजट की प्रिंटिंग राष्ट्रपति भवन में होती थी। वर्ष 1950 में बजट के कुछ हिस्से लीक हो गए थे। इसके बाद से बजट की प्रिंटिंग मिंटो रोड के प्रेस में होने लगी।

लेकिन, वर्ष 1980 से बजट के दस्तावेजों की छपाई केंद्रीय सचिवालय (Central Secretariat or Secretariat Building) के नॉर्थ ब्लॉक में होती है। आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय (Ministry Of Finance) भी नॉर्थ ब्लॉक में स्थित है।    

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