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Budget 2024 Announcement: 14 महानगरों का होगा विकास, शहरी सुधार राज्यों के भरोसे

आम बजट में सभी सेक्टर पर ध्यान दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए शहर और राज्य का विकास होना बेहद जरूरी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में शहरी विकास से जुड़ी कुछ अहम घोषणाएं कीं हैं। सरकार शहरी विकास के लिए नई योजनाएं शुरू कर सकती हैं। पढ़ें पूरी खबर...

By Jagran News Edited By: Priyanka Kumari Updated: Tue, 23 Jul 2024 05:12 PM (IST)
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Budget 2024 Announcement: महानगरों का होगा विकास
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरों को विकास का इंजन होना चाहिए, इस सोच के साथ 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार तमाम असुविधाओं से घिरे शहरों को फिर से विकसित करने के लिए एक फ्रेमवर्क भी बनाने जा रही है।

इस योजना पर क्रियान्वयन और पैसे का इंतजाम करने के तौर-तरीके बाद में तय किए जाएंगे। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के साथ ही इस योजना के दायरे में जो शहर आ सकते हैं उनमें हैदराबाद, अहमदाबाद, सूरत, पुणे, जयपुर, कोझिकोड, लखनऊ, त्रिसूर, कोच्चि, इंदौर, कानपुर, नागपुर और कोयबंटूर शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में शहरी विकास से जुड़ी कुछ अहम घोषणाएं कीं, लेकिन सुधार की ज्यादातर अपेक्षा राज्य सरकारों पर छोड़ दी गई। सौ शहरों में संचालित स्मार्ट सिटी मिशन लगभग पूरा हो जाने के बाद शहरों में देखे जा सकने वाले सुधार का अभाव महसूस किया जा रहा है।

इस लिहाज से अपेक्षा थी कि शहरी विकास की कोई नई योजना सामने आ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां तक कि शहरी परिवहन के लिए भी कोई घोषणा नहीं की गई। शहरी परिवहन के लिए पिछले साल 169 शहरों में दस हजार पीएम ई-बस चलाने की योजना लाई गई थी, जिसकी अभी टेंडिंग प्रक्रिया चल रही है।

सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार शहरों के विकास के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करती रहेगी। शहरों को विकास के ठिकाने बनाने का लक्ष्य उनमें आर्थिक और ट्रांजिट प्लानिंग के जरिये पूरा किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि टाउन प्लानिंग योजनाओं के सहारे शहरों के आसपास के इलाके को व्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा। समस्या यह है कि टाउन प्लानिंग राज्यों के एजेंडे में ही नजर नहीं आता।

शहरी सुधार से संबंधित एक रिपोर्ट के मुताबिक 75 प्रतिशत से अधिक शहरों में कोई टाउन प्लानर ही नहीं है। शहरों में घरों के लिए 2.2 लाख करोड़ खर्च होंगे। वित्त मंत्री ने अगले पांच सालों में शहरों में आवास उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2.2 लाख करोड़ की सहायता देने का भी एलान किया।

मोदी सरकार अपनी तीसरी पारी में पहली कैबिनेट बैठक में पीएम आवास योजना के तहत शहरों और गांवों में तीन करोड़ नए घर बनाने का एलान कर चुकी है। इसके तहत गांवों में दो करोड़ और शहरों में एक करोड़ घर बनने हैं। शहरों में घर बनाने के लिए केंद्र सरकार लोन पर ब्याज में सब्सिडी देगी, जिससे कि लोगों को किफायती कर्ज मिल सके।

पारदर्शी रेंटल हाउसिंग बाजार बनेगा

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि शहरों में एक प्रभावशाली और पारदर्शी रेंटल हाउसिंग मार्केट तैयार किया जाएगा। एक बड़ी संख्या में शहरी आबादी किराये के ठिकानों पर निर्भर है और इसके लिए कोई सुनिश्चित व्यवस्था नहीं है। केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले माडल किराएदारी कानून की पहल की थी, लेकिन कोई भी राज्य इसे सही तरह लागू करने के लिए आगे नहीं आया।

सीतारमण ने कहा कि इसमें पारदर्शिता के लिए अहम कदम उठाए जाएंगे। ऐसा होने पर किराए के लिए घरों की उपलब्धता भी बढ़ेगी। शहरों में औद्योगिक श्रमिकों के लिए पीपीपी माडल में छात्रावास जैसी सुविधा की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार फंड मुहैया कराएगी।

चुनिंदा शहरों में सौ साप्ताहिक बाजारशहरों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही रेहड़ी-पटरी के तंत्र को व्यवस्थित करने के लिए चुनिंदा शहरों में सौ साप्ताहिक बाजार स्थापित करने की घोषणा की गई है। रेहड़ी-पटरी वालों को कारोबार के लिए कर्ज उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार पीएम स्वनिधि योजना का संचालन कर रही है। साप्ताहिक बाजार भी उसी कड़ी का हिस्सा होंगे।