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Budget 2024: बही-खाता पाउच में लिपटे टैबलेट से पेश हुआ बजट, यहां जानिए बजट सूटकेस का इतिहास

Budget 2024 बजट पेश करते समय सबका ध्यान बजट के साथ उसके सूटकेस या ब्रीफकेस पर रहता है। पिछले दो साल बजट पेपर्स को ब्रीफकेस की जगह पर बहीखाता में रखा जाने लगा है। इस तरह बजट ब्रीफकेस में कई बार बदलाव हुआ है। आज हम आपको बताएंगे कि स्वतंत्रता के बाद बजट ब्रीफकेस कब-कब बदला है। इसके अलावा बजट ब्रीफकेस की परंपरा कहां से आई है।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 01 Feb 2024 12:48 PM (IST)
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स्वतंत्रता के बाद बदला बजट का ब्रीफकेस
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 को संसद में पेश कर दिया है। इस बार भी वित्तमंत्री ने लाल रंग के पाउंच में लिपटे टैबलेट से बजट को पेश किया है, जिसे पहली बार 2021 में इस्तेमाल किया गया था।  वित्तमंत्री ने बजट के दौरान नीले रंग की साड़ी पहनी थी।

1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाता है। इस बजट में आने वाले वित्त वर्ष के सरकार की प्लानिंग के बारे में बताया जाता है। सरकार किस योजना में कितना खर्च करेंगे और किस सेक्टर में कितना योगदान किया जाएगा इन सब की जानकारी बजट में दी जाती है। आम जनता सरकार द्वारा पेश बजट का इंतजार करते हैं। वहीं हर साल बजट के साथ उसके ब्रीफकेस पर भी सभी को फोकस रहता है।

आज हम आपको अपने लेख में बताएंगे कि स्वतंत्रता के बाद यूनियन बजट को पेश करने के लिए जो ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया जाता है उसमें कितना बदलाव हुआ है। इस बदलाव ने ब्रटिश शासन के कई नियमों को खत्म कर दिया है।

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पिछले साल कैसा रहा यूनियन बजट

पिछले साल 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट पेश किया था। इस बजट को उन्होंने लाल रंग के कपड़े में लपेटा था। इसको बहीखाता कहा गया।

इसी के साथ उन्होंने लाल रंग की भी साड़ी पहनी थी। 2023 में निर्मला सीतरमण ने पांचवी बार बजट पेश किया था। बजट पेश करने से पहले उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ देका गया था।

वर्ष 2021 में पहली बार डिजिटल तौर पर बजट पेश किया था। यह पहली बार था जब बजट की प्रेजेंटेशन बिना किसी कागज के की गई थी। वहीं, कोरोना काल के समय यानी वर्ष 2020 में ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का इस्तेमाल कर सकते हैं।

2019 में भी निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के लिए ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का इस्तेमाल किया था। ब्रीफकेस की जगह जैसे ही बहीखाता ने ली वैसे ही ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई परंपरा का अंत हो गया है।

दरअसल, ब्रिटिश सरकार बजट पेश के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल करते थे। ऐसे में ब्रिटिश सरकार ने बजट पेपर्स को एक ब्रीफकेस में ले जाने की परंपरा भारत को सौंपी थी। भारत अपना बजट के पेपर्स ब्रीफकेस में रखते थे।

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बजट पेश करने की ब्रिटिश परंपरा

वर्ष 1860 में विलियम ई-ग्लैडस्टोन ब्रटिश बजट चीफ थे। वह रेड कलर के सूटकेस में बजट के पेपर्स रखते हैं। इस सूटकेस पर एक खास तरह का मोनोग्राम बना हुआ था जो कि सोने का था। बाद में इस सूटकेस को Gladstone Box भी कहा जाने लगा। इस बॉक्स को पीढ़ी-दर-पीढ़ी सौंपा जाता रहा। इस सूटकेस को वर्ष 2010 में रिटायर कर दिया गया।

भारत ने ब्रिटिश की इस परंपरा का पालन किया। भारत का बजट ब्रीफकेस भी गैल्डस्टोन बॉक्स की नकल करके बनाया गया था। हालांकि, भारतीय वित्त मंत्री द्वारा हमेशा अलग-अलग रंग के ब्रीफकेस बजट पेश करने के समय लाते रहे।

भारत में कब-कब बदला बजट का ब्रीफकेस

  • भारत की स्वतंत्रता के बाद सबसे पहला बजट वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था। इन्होंने बजट प्रेजेंट करने के लिए एक लेदर का में पेश किया था। यह स्वतंत्र के बाद का पहला बजट है। 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था।
  • 1970 से 2019 के बीच जितने भी बजट पेपर्स थे वो सब हार्डबाउंड ब्रीफकेस में रखे जाते थे।
  • सबसे पहले 1974 में वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने एक स्टील की लाइनिंग वाला सूटकेस में बजट पेश किया था।
  • 2015 में अरुण जेटली ने एक टैन ब्रीफकेस में बजट प्रेजेंट किया था।
  • 2019 में निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का इ्स्तेमाल किया था। 
  • 2021 में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया गया था। इसका मतलब है कि पहली बार डिजिटल तौर पर बजट पेश किया गया था।