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Budget 2024: आगामी बजट में Input Tariff को लेकर हो सकता है एलान, ICEA ने की कम करने की सिफारिश

Budget 2024 इस महीने आम बजट पेश होने वाला है। आम बजट से आम जनता को बड़ी उम्मीदें है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने एक सिफारिश दी है। ICEA ने कहा कि सरकार को इनपुट टैरिफ में कटौती करनी चाहिए। इसको लेकर ICEA ने रिपोर्ट पेश किया है। आइए जानते हैं कि आखिर इनपुट टैरिफ कम क्यों होना चाहिए।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Tue, 02 Jul 2024 05:19 PM (IST)
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Budget 2024: कम होना चाहिए इनपुट टैरिफ
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय बजट (Budget 2024) से पहले इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए इनपुट टैरिफ में कटौती की सिफारिश की है। आपको बता दे कि हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों ने मोबाइल रिचार्ज बढ़ाने का एलान किया है।

ICEA ने अपनी सिफारिशों को भारत सहित सात प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में आयोजित "tariff study" पर आधारित किया।

क्यों कम होना चाहिए इनपुट टैरिफ

ICEA ने कहा कि अगर इनपुट टैरिफ ज्यादा होता है तो इसका असर प्रोडक्शन ग्रोथ पर पड़ता है। दरअसल, इनपुट टैरिफ में बढ़ोतरी होती है तो प्रोडक्शन कॉस्ट में तेजी आएगी। जिसकी वजह से मोबाइल फोन आदि की दाम भी बढ़ेंगे। ऐसे में मोबाइल की कीमतों में नरमी के लिए इनपुट टैरिफ में कटौती होना जरूरी है।

ICEA ने इसको लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि हम मानते हैं कि घरेलू आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें सब-असेंबली पार्ट्स और इनपुट पर 2.5 प्रतिशत टैरिफ हटाने का भी सुझाव दिया गया है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये टैरिफ किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करते हैं। वे वैध निर्माताओं के लिए लागत, जटिलता और अनुपालन में वृद्धि करते हुए घरेलू उद्योग बनाने में विफल रहते हैं।

ICEA कहा कि ई-सरकार को लंबी अवधि और प्रोत्साहन अवधि के साथ बड़े पैमाने पर घटकों और उप-असेंबली पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए उचित नीति और वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।