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Budget 2024 Expectation: इस साल बजट से Export Sector को भी हैं उम्मीदें, ग्रीन एनर्जी और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार उठा सकती है कदम

Budget 2024 इस हफ्ते गुरुवार को निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बजट पर सबका फोकस रहेगा। इस बार भी बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस आर्टिकल में एक्सपोर्ट सेक्टर की उम्मीदों के बारे में जानते हैं। भारतीय उद्योगपतियों के साथ ही निर्यातकों ने विनिर्माण और देश के आउटबाउंड शिपमेंट को बढ़ावा देने का आग्रह किया है। पढ़ें पूरी खबर...

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 30 Jan 2024 03:29 PM (IST)
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इस साल बजट से Export Sector को भी हैं उम्मीदें
पीटीआई, नई दिल्ली। 1 फरवरी 2024 को निर्मला सीतारमण छठी बार बजट पेश करेगी। इस बार अंतरिम बजट पेश किया जाएगा।। इस बजट को लेकर कई सेक्टर की काफी उम्मीदें है। एक्सपोर्ट सेक्टर को भी इस साल बजट से काफी उम्मीदें है।

भारतीय उद्योगपतियों के साथ ही निर्यातकों ने विनिर्माण और देश के आउटबाउंड शिपमेंट को बढ़ावा देने के लिए आग्रह किया है। इसके अलावा अनुसंधान के लिए टैक्स इनसेंटिव और विपणन गतिविधियों के लिए अधिक फंड देने के लिए भी कहा।

वह सरकार से प्राइवेट सेक्टर के साथ साझेदारी में एक वैश्विक शिपिंग लाइन विकसित करने पर विचार करने का भी आग्रह कर रहे हैं। उनका कहना है कि बढ़ते निर्यात के साथ ट्रांसपोर्ट सर्विस पर भारत का रेमिटेंस बढ़ रहा है।

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फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने कहा कि

हमने 2021 में परिवहन सेवा शुल्क के रूप में 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का भुगतान किया। जैसे-जैसे देश 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, यह 2030 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। शिपिंग लाइनों को विकसित करने के लिए इसे प्राइवेट सेक्टर में शामिल किया जा सकता है। इससे विदेशी शिपिंग लाइनों, विशेषकर हमारे एमएसएमई (MSME) द्वारा की जाने वाली परेशानी भी कम हो जाएगी।

इसरार अहमद अध्यक्ष (कार्यकारी) और उपाध्यक्ष FIEO ने कहा

अनुसंधान एवं विकास पर भारत का खर्च (जीडीपी का 1 प्रतिशत से भी कम) और प्रमुख देशों जैसे चीन (जीडीपी का 2.43 प्रतिशत), अमेरिका (3.46 प्रतिशत), कोरिया (4.93 प्रतिशत) और इज़राइल (5.56 प्रतिशत) से काफी कम है। वैश्विक ग्राहकों के सामने भारतीय प्रोडक्ट और सर्विस को प्रदर्शित करने के लिए निर्यात विपणन की आवश्यकता है और इसके लिए मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना के तहत अधिक धन की आवश्यकता है।

स्टार्टअप फर्म वर्ल्ड ऑफ सर्कुलर इकोनॉमी (WOCE) ने कहा कि

स्थिरता और जलवायु समाधान उद्योग सरकार से महत्वपूर्ण समर्थन का आग्रह कर रहा है। इन उद्योग के लिए फंड और प्रोत्साहन की जरूरत है।

WOCE के संस्थापक और निदेशक अनूप गर्ग ने कहा

सस्टेनेबल सेक्टर की कंपनियां, विशेष रूप से एसएमई, तत्काल वित्तीय बोझ और आवश्यक संसाधनों को सुरक्षित करने सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

इसके आगे वह कहते हैं कि सरकार से विनिर्माण प्रक्रियाओं में हरित ईंधन का उपयोग करने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रदान करने पर विचार करना चाहिए।

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