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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी आम बजट, सरकार से लोगों को बड़ी उम्मीदें

आज 23 जुलाई 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह उनका लगातार 7वां बजट होगा। ऐसा करके वह इतिहास रच देंगी। अभी तक किसी भी वित्त मंत्री ने लगातार इतने बजट पेश नहीं किए हैं। इस साल लोकसभा चुनाव होने के कारण केंद्रीय बजट दो बार पेश हो रहा है। इससे पहले वह सोमवार को संसद में मोदी 3.0 सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण पेश की।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 23 Jul 2024 05:58 AM (IST)
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी। (ANI)
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या सीतारमण मध्यम वर्ग को बहुप्रतीक्षित कर राहत प्रदान करती हैं, जिससे उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा, क्योंकि कर में उछाल है।

सीतारमण से काफी उम्‍मीदें लगाए बैठे हैं लोग

इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक, सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था। उन्होंने लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था। तब मोदी सरकार के इस बही खाते ने लोगों को काफी आकर्षित किया था। लेकिन पिछले तीन सालों से टैबलेट से बजट भाषण पढ़कर बजट पेश किया जाता है। इस बार भी पेपरलेस बजट पेश किया जाएगा।

इन प्रमुख आंकड़ों पर रहेगी नजर

  • राजकोषीय घाटा: इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

  • पूंजीगत व्यय: चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।
  • कर राजस्व: अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 प्रतिशत अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) से 21.99 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है।
  • जीएसटी: वित्त वर्ष 2024-25 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के अंतिम बजट में कर राजस्व के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।
  • कर्ज: अंतरिम बजट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट 14.13 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेती है। बाजार की नजर उधारी के आंकड़ों पर रहेगी।
वर्तमान कीमतों पर जीडीपी: अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की वर्तमान कीमतों पर जीडीपी (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत बढ़कर 3,27,700 अरब रुपये होने का अनुमान है।

  • लाभांश: अंतरिम बजट में आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान है। इसे बढ़ाया जाएगा, क्योंकि आरबीआई ने मई में पहले ही 2.11 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित कर दिया है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 43,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
इसी समय, सीपीएसई से 43,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। नरेगा जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर भी खर्च पर ध्यान दिया जाएगा।