Budget 2024 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेंगी। इस साल लोकसभा चुनाव होने की वजह से यूनियन बजट (Union Budget) पेश नहीं होगा। देश के सभी वर्ग सरकार द्वारा पेश बजट पर फोकस रखते हैं। ऐसे में बजट पेश करते समय कई तरह के फाइनेंशियल टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। चलिए इन टर्म्स का आसान भाषा में मतलब समझते हैं।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Wed, 31 Jan 2024 08:30 AM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार जब बजट पेश करती है तो वह कई फाइनेंशियल टर्म्स का इस्तेमाल करती है। बजट को समझने से पहले इन फाइनेंशियल टर्म्स को आसानी से समझा जा सकता है।
दरअसल, बजट पर आम जनता का भी फोकस रहता है। हर कोई जानना चाहता है कि सरकार आगामी वित्त वर्ष में सरकार कौन-से अहम फैसला लेने वाला है।बता दें कि इस साल लोकसभा चुनाव की वजह से अंतरिम बजट (
Interim Budget) पेश किया जाएगा। इस आर्टिकल में कुछ फाइनेंशियल टर्म्स (Financial Terms) के बारे में आसान भाषा में जानते हैं।
जीरो बजट
बजट पेश होते समय कई बार जीरो-बजट (Zero Budget) शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यह शब्द का इस्तेमाल कृषि जगत के लिए किया जाता है। इसका मतलब होता कि खेती के लिए हानिकारक केमिकल की जगह पर प्राकृतिक खाद के जरिये इस्तेमाल कर सकते हैं।
सरकार इस पर जोर देती है। दरअसल, यह खेती के लिए खर्चों को कम करने के साथ ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने में मदद करती है।
एक्सचेंज रेट
भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें से एक निर्यात भी है। भारत को अपने निर्यात के स्तर को बढ़ाने या फिर बनाए रखने के लिए दोगुनी मदद करनी होती है। इसके अलावा विदेशी मुद्रा में विनिमय भी एक चुनौती है।एक्सचेंज रेट (Exchange Rate) से मतलब होता है कि जब किसी दूसरी करेंसी में किसी सामान का भुगतान करें। उदाहरण के तौर पर भारत रुपये में नहीं अमेरिकी डॉलर में कच्चा तेल खरीदता है। ऐसे में उसे ज्यादा खर्च देना होता है।
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वेल्थ क्रिएशन
देश के विकास के लिए भारत कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसमें से एक धन सृजन है। इसकी वजह है कि कई लोगों के पास पैसे तो होते हैं पर अगर व्यक्तिगत वेतन काफी कम है यानी कि श्रमिक लागत कम है।बजट में धन सृजन या वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सरकार बताती है कि श्रमिक लागत कितनी है और सरकार ने कितना धन सृजन किया है। आसान भाषा में कहे तो सरकार ने कितना पैसा कमाया है।
फाइनेंशियल ओवरव्यू
जब भी कोई नया
टैक्स रिजीम या फिर टैक्स सिस्टम में बदलाव लाने के लिए जिस डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं उसे फाइनेंशियल ओवरव्यू (Financial Overview) कहा जाता है। इसका इस्तेमाल नीतियां पेश करने के लिए किया जाता है।
डिसइन्वेस्टमेंट
सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर के लिए कई बार शेयर बेचे जाते हैं। जब यह शेयर नकदी पाने के लिए बेचा जाता है, तो यह कमाई वाली संपत्ति नकदी में बदल जाती है। इस पूरे प्रोसेस को डिसइन्वेस्टमेंट (Disinvestment) कहा जाता है।
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