Budget 2024: अब सस्ता होगा कैंसर का इलाज, हर महीने दवाइयों पर बचा सकेंगे हजारों रुपये
बीते मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट को पेश किया। अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कैंसर के मरीजों के लिए खास घोषणा की है। इस घोषणा में सबसे खास ये है कि वित्तमंत्री ने कैंसर की 3 खास दवाइयों पर सीमा शुल्क यानी कस्टम ड्यूटी पर छूट दी है। आइये जानते हैं कि इससे मरीजों को क्या फायदा मिलता है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के पहले बजट को पेश किया है। ये वित्तमंत्री का सातवां बजट है। इस बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई है। इसमें से एक घोषणा कैंसर के इलाज के लिए भी की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में देश में कैंसर रोगियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की। इसके तहत भारत में कैंसर ट्रीटमेंट के लिए जरूरी 3 दवाइयों पर सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी। हेल्थ एक्सपर्ट ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
इन दवाईयों मिलेगी छूट
ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन(Trastuzumab Deruxtecan)
- ये HER2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक एंटीबॉडी-ड्रग कंजुगेट है, जिसका उपयोग तब किया जाता है, जब कैंसर शरीर के अन्य भागों (मेटास्टेटिक) में फैल जाता है।
- बता दें कि इसका अध्ययन गैस्ट्रिक कैंसर जैसे अन्य कैंसर के इलाज के लिए भी किया जा रहा है।
- कैंसर के मरीजों को ये दवाई तीन हफ्ते में एक बार लेनी होती है। इसकी कीमत लगभग 4 लाख रुपये होती है।
ओसिमर्टिनिब( Osimertinib)
- यह EGFR-म्यूटेंट नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर वाले रोगियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक टारगेट थेरेपी है।
- इसका इस्तेमाल उन कैंसर के खिलाफ प्रभावी होता है, जो EGFR इनहेबिटर्स की पिछली पीढ़ियों के लिए प्रतिरोध विकसित करते हैं।
- इस दवाई का सेवन मरीज को रोज करता होता है और कीमत की बात करें तो आपको हर महीने लगभग 1.5 लाख खर्च करने पड़ते हैं।
- यह ड्रग मरीज को रोजाना लेनी होती है. इसकी एक महीने की खुराकों की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये तक आती है।
डुर्बालुमैव (Durvalumab )
- इस दवाई का उपयोग नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) और यूरोथेलियल कार्सिनोमा (मूत्राशय कैंसर) के इलाज के लिए किया जाता है।
- यह एक इम्यूनोथेरेपी ड्रग है जो PD-L1 प्रोटीन को ब्लॉक करती है । इससे मरीज की प्रतिरोधक क्षमता को एक्टिव करने में मदद मिलती है।
- खुराक की बात करें तो इस दवाई को मरीज 21 दिनों में एक बार लेते है और एक बार के लिए आपको 2.5 लाख रुपये देने होते हैं।
कितनी कम हो सकती है कीमत?
- कई एक्सपर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि कस्टम ड्यूटी में छूट मिलने से दवा और अधिक सस्ती हो सकती है।
- इसका कारण ये है कि क्योंकि दवाइयों की कीमत में कस्टम ड्यूटी, एक्सपोर्ट चार्ज और लॉजिस्टिक्स जैसे चार्ज जुड़ते हैं,जिससे इनकी कीमतें बहुत अधिक होती है।
- ऐसे में अब जब कस्टम ड्यूटी कम हो जाएगी तो ऐसी स्थिति में मरीजों को कीमतों पर 10-20 प्रतिशत की राहत मिल सकती है।
- इससे मरीजों के खर्चे में कमी आएगी, जिससे वे बेहतर इलाज पाने के बारे में सोच सकते हैं।