Budget 2024: ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर को नीतिगत स्पष्टता का इंतजार
Online Gaming and Crypto Currency Sectors देश का नया बजट जल्दी ही आने वाला है। जिसको लेकर अभी से कयास लगाए जाने लगे हैं। जिसमें से एक ऑनलाइन गेमिंग क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर को लेकर भी लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग क्रिप्टोकरेंसी को नीतिगत स्पष्टता लाने की कोशिश करेंगी। आइए जानते हैं इसके बारे में।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या वित्त मंत्री आगामी बजट में प्रौद्योगिकी आधारित नए लेकिन विवादित उद्योग सेक्टर जैसे ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार नीतिगत स्पष्टता लाने की कोशिश करेंगी। पिछले कुछ हफ्तों में जिस तरह से इस बारे में सरकार के भीतर विभिन्न मंत्रालयों के भीतर इस बार में विमर्श चल रहा है, उससे इस बात का संकेत मिलता है कि कुछ बातें हो सकती हैं।
पीएम मोदी ने ऑनलाइन गेमर्स के साथ की थी मुलाकात
जानकार बताते हैं कि जनवरी से मई, 2024 के बीच नये प्रौद्योगिकी आधारित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले वित्तीय लेन-देन की निगरानी को लेकर वित्त मंत्रालय और RBI के बीच भी विमर्श का कई दौर हो चुका है। अप्रैल, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी ऑनलाइन गेमर्स के साथ एक मुलाकात में यह संकेत दिया था कि सरकार की मंशा ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र में बहुत सारे कायदे-कानून लाने की नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में CII, फिक्की जैसे उद्योग चैंबरों ने भी उक्त दोनों सेक्टरों को लेकर स्पष्ट नीति लाने की सिफारिश की है। जबकि बजट पूर्व बैठक में कुछ अर्थविदों ने युवाओं में रोजगार सृजन के उद्देश्य से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बढ़ावा देने की बात कही थी।
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क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन गेमिंग पर लिया जा रहा टैक्स
दैनिक जागरण ने सरकार की उक्त तैयारियों के मद्देनजर क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के प्रतिनिधियों से बात की और इनका जोर मुख्य तौर पर नीतिगत स्पष्टता को लेकर ही है। अभी सरकार की तरफ से इन दोनों उद्योगों से टैक्स लिया जा रहा है लेकिन इन क्षेत्रों को कोई नीतिगत समर्थन नहीं है। इनका यह भी कहना है कि अगर सरकार को नियामक एजेंसी बना कर हमारे उद्योग की निगरानी करनी हो, तो वह भी स्वागतयोग्य है।
भारत में करीब 30 करोड़ लोग खेलते हैं ऑनलाइन गेम
स्किल ऑनलाइन गेम्स इंस्टीट्यूट (सोगी) के प्रेसिडेंट अमृत किरण सिंह का कहना है कि, “सरकार अगर दीर्घकालिक नीति के तहत टैक्स लगाये तो वह पूरी देश की इकोनमी के लिए फायदेमंद होगा। अगस्त, 2023 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर GST की दर 18 फीसद से बढ़ा कर 28 फीसद कर दिया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय गेमिंग कंपनियां (प्रमुखत: चीन, साइप्रस, तुर्की की) भारतीय ऑनलाइन गेमर्स को आकर्षित करने में सफल रहे हैं। भारत में तकरीबन 30 करोड़ लोग अभी ऑनलाइन गेम में है जिनकी संख्या जल्द ही 50 करोड़ हो जाएगी। विदेशी गेमिंग कंपनियों पर GST का बोझ नहीं है क्योंकि वह विदेशी जमीन से अपनी सेवा दे रही हैं। वह किफायती दरों पर अपनी सेवा दे रही हैं और इसका खुलेआम प्रचार भी वह कर रही हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि सरकार को पहले पूरे उद्योग के कारोबार व देश की इकोनमी व रोजगार में इसके योगदान व संभावनाओं पर एक व्यापक अध्ययन करवा लेना चाहिए और उसके बाद ही फैसला करना चाहिए।यह भी पढ़ें- हरित आवास के जरिए किफायती जीवनशैली को मिलेगा बढ़ावा, हो सकते हैं ये एलान