Budget 2024: नीतिगत पहल ले कर आएगा आगामी बजट, रियल एस्टेट सेक्टर को हैं काफी उम्मीदें
Budget 2024 जुलाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। इस पूर्ण बजट को लेकर काफी आशांए बनी है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आम बजट को लेकर रियल एस्टेट सेक्टर को क्या उम्मीदें है। रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों को उम्मीद है कि इस बजट में रियल एस्टेट विकास के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जा सकते हैं।
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा
रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में कुछ नीतिगत पहल करेगी। इंडस्ट्री स्टेटस और सिंगल-विंडो क्लियरेंस जैसे लंबे समय से लंबित मांगे हैं और हम इन पर सकारात्मक कार्रवाई की आशा करते हैं। सेक्शन 80C के तहत हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट की कटौती सीमा को वर्तमान 1,50,000 से बढ़ाने की भी मांग है। हमें उम्मीद है कि बजट घोषणाएं इस क्षेत्र की संभावनाओं को और बढ़ावा देंगी और देश की अर्थव्यवस्था में इसके हिस्से को बढ़ाएंगी।
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग के अनुसार
इसके आगे उन्होंने कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंग की घटती हिस्सेदारी और इसकी भारी मांग एक और चुनौतीपूर्ण सेक्टर है। इस सेक्टर में तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ कर के तहत अनुकूल प्रावधानों के साथ कर प्रोत्साहन और पहली बार घर खरीदने वालों के लिए रियायतें कुछ अन्य पहलें हैं जिन पर सेक्टर सरकार से विचार करना चाहेगा।भारत के जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान अगले वर्ष भारत के जीडीपी के 13 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इस सेक्टर को उम्मीद है कि वर्तमान बजट इसके विकास को और भी आगे बढ़ाने के लिए जोर देगा। इनपुट लागत में कमी एक बड़ी चिंता है।
रजत गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, एमआरजी ग्रुप के मुताबिक
आगामी बजट से रियल एस्टेट सेक्टर की प्रमुख अपेक्षाओं में से एक है उद्योग का दर्जा प्रदान करना। यह देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर है। 2024-25 के केंद्रीय बजट से पहले, इस सेक्टर की मुख्य अपेक्षाओं में उद्योग का दर्जा देना और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम शामिल है। सेक्टर सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली के कार्यान्वयन और किफायती आवास पहलों के लिए अधिक समर्थन की उम्मीद कर रहा है।
अंकित कंसल, एमडी, एक्सॉन डेवलपर्स का कहना है
इसके आगे उन्होंने कहा कि आवास की घटती उपलब्धता और बढ़ती मांग एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है। इन चुनौतियों को देखते हुए, उद्योग को सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इसके अलावा हम सरकार से पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कीमतें कम करने के उद्देश्य से प्रोत्साहन देने का अनुरोध करते हैं ताकि सामान्य जनता के लिए आवास की सामर्थ्य बढ़ सके।भारत में रियल एस्टेट सबसे बड़े एम्प्लॉयर्स में से एक है। जबकि उद्योग आशावादी है, हम सरकार से कुछ विशेष चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह करते हैं। उद्योग का दर्जा देना और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू करना, ऐसी मांगें हैं जो लंबे समय से लंबित हैं।