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Budget 2024: इस साल के बजट से हर सेक्टर को है कई उम्मीद, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए लिया जा सकता है यह फैसला

Budget 2024 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाले अंतरिम बजट में लोगों को काफी उम्मीद है। देश की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट सेक्टर की अहम भूमिका होती है। ऐसे में रियल एस्टेट को उम्मीद है कि इस साल बजट में उनके लिए कई अहम फैसले लिये जा सकते हैं। चलिए जानते हैं कि इस अंतरिम बजट से रियल एस्टेट को क्या उम्मीदें है।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Wed, 24 Jan 2024 12:49 PM (IST)
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इस साल के बजट से हर सेक्टर को है कई उम्मीद

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 1 फरवरी 2024 को मोदी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी। यह बजट केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। यह भले ही अंतरिम बजट हैं, लेकिन फिर भी यह बजट काफी खास रहने वाला है। इस बजट को लेकर कई सेक्टर कई सेक्टर को उम्मीदें है। ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर को इस बजट से क्या उम्मीद है।

क्रडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा

भारतीय अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट का हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे इस बजट से होम बॉयर्स और डेवलपर्स के लिए मांग को प्रोत्साहित करने, तरलता संबंधी चिंताओं को दूर करने और नियमों को सरल बनाने के लिए रणनीतिक राजकोषीय उपाय की उम्मीद कर रहे हैं। इस बजट से कई उम्मीदें हैं जो भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत करेंगे।

इसके आगे वह कहते हैं कि इस बार हमें सबसे बड़ी उम्मीद रियल एस्टेट क्षेत्र को लंबे समय से प्रतीक्षित उद्योग का दर्जा देना है। इस बार के अंतरिम बजट में यदि होम लोन पर टैक्स छूट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाती है तो निश्चित रूप से रियल एस्टेट सेक्टर में और तेजी आएगी। उन्हें इस बजट से स्टील, सीमेंट और टाइल्स जैसी निर्माण सामग्री के लिए जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की भी उम्मीद है।

सरकार को इस बार के अंतरिम बजट में लोगों को अफोर्डेबल हाउस देने के लिए योजना को लेकर जरूर कुछ न कुछ घोषणा करनी चाहिए। सरकार को अफोर्डेबल हाउस की परिभाषा बदलने की जरूरत है। अगर सरकार इसमें बदलाव करती है तो अफोर्डेबल हाउस के जरिए मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलेगा।

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नीरज के मिश्रा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, गंगा रियल्टी कहते हैं

हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2024 रियल एस्टेट क्षेत्र को स्वायत्त उद्योग का दर्जा देकर सबसे मुखर मांगों में से एक को पूरा करेगा। इससे यह क्षेत्र कम पूंजी और ब्याज सब्सिडी के लिए आवेदन करने और स्टांप शुल्क, टैरिफ और अन्य शुल्कों से छूट पाने के योग्य माना जाएगा। इन मोर्चों पर स्थानांतरित करने और कैश-आउट भुगतान को दिग्गजों द्वारा अपनी प्रोजेक्टों में हरित टेक्नोलॉजी को अपनाने और एक स्थायी रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था के विचार को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार को रियल एस्टेट प्रोजेक्टों के लिए सिंगल विंडो की मंजूरी को सुव्यवस्थित करने के उपाय शुरू करने चाहिए, क्योंकि इससे समय की भारी बचत होगी और प्रोजेक्टों में देरी होने से बच जाएगी।

रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार

रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही है और यह आगामी बजट से एक बड़ी उम्मीद है। साथ ही, अगर सिंगल विंडो क्लियरेंस की दिशा में काम हुआ तो इस सेक्टर को काफी मदद मिलेगी। इसे लेकर रियल एस्टेट सेक्टर में हमेशा से मांग की जा रही है। इससे डेवलपरों को अप्रूवल आदि में जो भी अतिरिक्त समय बर्बाद होता है, उसे प्रोजेक्ट के निर्माण और समय से खरीददारों को उसकी डिलीवरी पर लगाया जा सकता है। इस सेक्टर में घरों की लगातार उच्च मांग और सीमित नए घरों के लॉन्च को देखते हुए किफायती घरों को लेकर भी कुछ न कुछ घोषणा हो।

त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सारांश त्रेहान कहते हैं कि

वित्तीय बजट 2024 का मार्गदर्शक सिद्धांत देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को प्रोत्साहित करना और मार्गदर्शन करना है। हम एक उद्योग के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए बजट में रियल एस्टेट क्षेत्र की वैध उम्मीदों को रिफ्लेक्ट करने की उम्मीद करते हैं। इस मान्यता से क्षेत्र को ब्याज सब्सिडी, स्टांप शुल्क में छूट और अन्य कर छूट जैसे लाभों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। इस तरह के उपाय सेक्टर की रिकवरी के लिए आवश्यक हैं, जिससे यह फिर से गति पकड़ सके, मांग बढ़ सके और बिक्री बढ़ सके। इसके अलावा, हम परियोजना में देरी, नए घर खरीदारों को आकर्षित करने और मांग को प्रोत्साहित करने में लगातार बाधा को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा सिंगल विंडो निकासी प्रणाली के कार्यान्वयन का प्रस्ताव करते हैं। रियल एस्टेट सेक्टर भी सरकार से गृह ऋण कर छूट बढ़ाने, घर खरीदारों को सही तरीका प्रदान करने और बाद में रियल एस्टेट में बढ़ती बिक्री और मांग को बढ़ावा देने की इच्छा व्यक्त करता है। टियर 2 और 3 शहरों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए विशेष प्रोत्साहन और समयसीमा शुरू की जानी चाहिए, जिससे खरीदारों को विविध संपत्ति विकल्पों के साथ समृद्ध रियल एस्टेट बाजारों में निवेश करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।

काउंटी ग्रुप के डायरेक्‍टर अमित मोदी ने कहा

इनकम टैक्‍स एक्‍ट की धारा 24 के तहत होम लोन की ब्याज दरों पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये करना जरूरी है। ऐसा करने से आवास के लिए और अधिक मजबूत बाजार को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर बजट होम सेगमेंट में,जो कि कोविड के बाद से डिमांड में गिरावट देखी गई है।

मोहित गोयल, एमडी, ओमेक्स ग्रुप के मुताबिक

रियल एस्टेट सेक्टर द्वारा 'बजट 24' से प्राथमिक अपेक्षाओं में से एक उद्योग का दर्जा देना है। RERA को पूरे सेक्टर में काफी ईमानदारी से लागू किया जा रहा है और डेवलपर्स अधिक सतर्क और जिम्मेदार बन रहे हैं। इसलिए, बेहतर वित्तपोषण प्राप्त करने में उद्योग की स्थिति में मदद मिलेगी। कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण नियोक्ता है, विशेष रूप से इसका एक बड़ा हिस्सा अकुशल और कैजुअल मजदूरों का है, इसलिए उद्योग का दर्जा प्रदान करने से विकास को गति मिलेगी। यह सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने और रोजगार पैदा करने की राष्ट्रीय दृष्टि के अनुरूप है। प्रत्याशित उपायों में सिंगल विंडो मंजूरी प्रणाली लागू करना और किफायती आवास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना भी शामिल है।

मिग्‍सन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्‍टर यश मिगलानी का कहना है कि

कोविड ने किफायती आवास को बुरी तरह प्रभावित किया है। डेवलपर्स को अधिक किफायती आवास बनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स छूट जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। इससे न सिर्फ डेवलपर्स को बल मिलेगा बल्कि होम बॉयर्स को भी इसका फायदा मिलेगा।

एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल का कहना है कि

उम्मीद है कि पिछले वर्ष की तरह 2024 में भी रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी देखने को मिलेगी. इसमें कोई संदेह नहीं कि होम लोन इंटरेस्ट पर छूट की लिमिट बढ़ने से किफायती घर खरीदनों वालों की संख्या में इजाफा होगा। टैक्स छूट से होम बॉयर्स के साथ-साथ रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी एक अच्छा कदम होगा।

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