Budget 2024: टैक्सपेयर्स को आने वाले बजट से है महत्वपूर्ण सुधारों और राहत की उम्मीद
Union Budget 2024 फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए आम बजट कल यानी 23 जुलाई 2024 को पेश होगा। आगामी बजट से टैक्सपेयर्स को कई उम्मीदें हैं। मुख्यतौर पर कर छूट में बढ़ोतरी की उम्मीद हैं। सभी टैक्सपेयर्स की नजर कल पेश होने वाले बजट पर बनी हुई है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आगामी बजट में टैक्सपेयर्स किन राहतों की उम्मीद कर रहे हैं।
जानते हैं रियल एस्टेट इंडस्ट्री का क्या कहना है
रियल एस्टेट सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है। चूंकि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान अगले साल 13 फीसदी तक पहुंचने वाला है, इसलिए हमें उम्मीद है कि आगामी बजट इस सेक्टर के विकास को और आगे बढ़ाएगा। इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा देना सबसे ज़्यादा आगे की मांगों में से एक रहा है। इससे डेवलपर्स को अपेक्षाकृत कम ब्याज दरों पर ऋण लेने और कर प्रोत्साहन का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस पर गौर करे और इस सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए लाभकारी कदम उठाए।
मोहित गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, ओमैक्स लिमिटेड
अनूप गर्ग, डायरेक्टर यूनिनव डेवेलपर्स ने कहा कि टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि आगामी बजट में आयकर छूट सीमा बढ़ाई जाएगी, जिससे वित्तीय बोझ कम होगा और डिस्पोजेबल आय में सुधार होगा। इस तरह के बदलावों से मध्यम वर्ग को काफी राहत मिलेगी, खर्च करने की क्षमता और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। ग्रुप 108 के एमडी अमिष भूटानी के अनुसार बजट से हमें ही नहीं हर व्यक्ति को काफी उम्मीदें हैं। हमारी मांग है कि बजट में जीएसटी को कम किया जाए। सीमेंट, स्टील और एल्युमिनियम पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। ऐसे में इसे कम किया जाना चाहिए। इससे लोगों को सस्ते घर मुहैया करवाने में मदद मिल सकेगी।रियल एस्टेट स्टेकहोल्डर्स को उम्मीद है कि आगामी बजट में हाउसिंग डिमांड और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन और सुधार पेश किए जाएंगे। घर खरीदने वालों और डेवलपर्स के लिए बढ़े हुए कर लाभ इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे आवास अधिक अफोर्डेबल बनेंगे और इकनोमिक एक्टिविटीज को बढ़ावा मिलेगा
विकास अग्रवाल, सीओओ वर्ल्डवाइड रियल्टी
भारत की जीडीपी में अभी रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान लगभग 8 फीसदी है, जबकि यूरोप में तकरीबन 40 फ़ीसदी और चीन में 30 फ़ीसदी है। भारत के विकास के लिए यहां भी इसे बढ़ाने की जरूरत है। नीति आयोग के अनुसार 2030 तक भारत में रियल एस्टेट सेक्टर 1 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा। इसको प्राप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। जिसमें अफॉर्डेबल और लग्जरी हाउसिंग दोनों सेगमेंट में राहत दिया जाना चाहिए। जिसमें जीएसटी में छूट और ब्याज में राहत, लो इनकम हाउसिंग के साथ ही मिड इनकम हाउसिंग को भी मिलनी चाहिए।
खालिद मसूद, होल टाइम डायरेक्टर, शालीमार कॉर्प
अन्य सेक्टर को भी हैं अनेक उम्मीदें
देश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने के मामलों में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का योगदान महत्वपूर्ण है। बजट को लेकर टेक्सटाइल इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं। हम उम्मीद करते हैं सरकार की पीएलआई स्कीम का लाभ लेने के लिए मिनिमम 100 करोड़ की निवेश की सीमा को कम करके 25 करोड़ तक ले आएगी, क्योंकि इस सेक्टर में अधिकतर उद्यमी माइक्रो और स्मॉल है। निवेश की सीमा कम करने और सरकार के प्रोत्साहन से जहां नए उद्योगों को पनपने का मौका मिलेगा वहीं बेहतर कंपटीशन भी होगा।यह भी पढ़ें- Budget 2024: बजट पेश न करने पर क्या होगा देश पर इसका असर, कभी सोचा है आपने?सरकार ने विकसित भारत के सपने को साकार करने के प्रति अपनी स्पष्ट प्रतिबद्धता अंतरिम बजट के माध्यम से पहले ही दिखा दी थी। मुझे उम्मीद है कि पूर्ण बजट की घोषणा के दौरान इसमें और तेजी आएगी। विशेष रूप से, अंतरिम बजट के दौरान घोषित 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में और वृद्धि होने की उम्मीद है, जो भारत में आवास, हरित ऊर्जा, शहरी विकास, विशेष रूप से जल और अपशिष्ट क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बढ़ावा देगा और 2047 के निर्धारित शहरी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा।
रश्मि रंजन रे, सीईओ,सुएज इंडिया
एजुकेशन सेक्टर को क्या हैं उम्मीदें
बजट 2024 से शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़े सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। शिक्षण संस्थानों और छात्रों के लिए नई वित्तीय योजनाएं और टैक्स छूट की घोषणाएं हो, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार होगा और शैक्षिक संस्थानों को आवश्यक संसाधन और समर्थन प्राप्त होगा।प्राइवेट स्कूल टीचर के सुनील कुमार के अनुसार शिक्षा सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी बजट में महत्वपूर्ण टैक्स इंसेंटिव और शैक्षणिक संस्थानों के लिए अधिक धन मुहैया कराया जाएगा। शिक्षा व्यय के लिए बढ़े हुए कर लाभ और इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच में सुधार हो सकता है, जिससे भविष्य के लिए अधिक शिक्षित और कुशल कार्यबल को बढ़ावा मिलेगा।यह भी पढ़ें- आर्थिक सर्वे में क्या होता है खास, क्यों है इसे बजट से एक दिन पहले पेश करने की परंपरा?इस बजट से शिक्षा में निवेश बढ़ने की संभावना है, जो देश की भविष्य की पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सरकार को शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, शिक्षकों के प्रशिक्षण और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के स्कूलों के बीच की खाई को पाटने के लिए भी विशेष योजनाओं की आवश्यकता है।
सैय्यद मसूद, शिक्षाविद & डायरेक्टर हिमकॉम