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Budget 2024 : बजट के बाद मिलेगा सस्ता होम लोन? क्या हैं वित्त मंत्री से घर खरीदारों की उम्मीदें

घरों के दाम जिस बेहिसाब तरीके से बढ़ रहे हैं आम जनता की कमाई उस रफ्तार का मुकाबला नहीं कर पा रही हैं। खासकर कोरोना महामारी के बाद से घरों की कीमतों में भारी उछाल आया है। यही वजह है कि घर खरीदार उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में होम लोन का बोझ कम करने का कुछ उपाय कर सकती हैं।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 08 Jul 2024 02:03 PM (IST)
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रियल सेक्टर का अफोर्डेबल सेगमेंट काफी कमजोर प्रदर्शन कर रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत दुनिया के उन 10 देशों में शामिल है, जहां पहला घर खरीदना आसान है। इसकी वजह बड़ी सिंपल है। जिन देशों में लोगों की कमाई कम होती है, वहां मकान भी ज्यादा किफायती होते हैं। लेकिन, पिछले कुछ साल में भारतीयों की कमाई तेजी से बढ़ी है और उससे भी अधिक तेजी से घरों के दाम बढ़ रहे हैं। खासकर, कोरोना महामारी के बाद से।

घरों के दाम जिस बेहिसाब तरीके से बढ़ रहे हैं, आम जनता की कमाई उस रफ्तार का मुकाबला नहीं कर पा रही हैं। यही वजह है कि घर खरीदार उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में होम लोन का बोझ कम करने का कुछ उपाय कर सकती हैं।

कैसे कम होगा होम लोन का बोझ

अगर होम लोन की बात करें, तो सरकार बजट में बैंकों के लिए सीधे-सीधे फरमान नहीं जारी कर सकती कि वे ब्याज दर कम कर दें। लेकिन, कुछ रास्ते हैं, जिनके जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में होम लोन लेने वालों को राहत दे सकती हैं।

दरअसल, आप होम लोन में जो भी मूल धन चुकाते हैं, उस पर टैक्स छूट मिलती है। अभी इसकी लिमिट बस डेढ़ लाख रुपये है, जो पिछले कुछ वर्षों में महंगाई और प्रॉपर्टी की बढ़ी कीमतों के मद्देजनर काफी कम है। ऐसे में बजट (Budget 2024) में इसे बढ़ाया जा सकता है।

आप होम लोन का जो ब्याज देते हैं, उस पर अलग से दो लाख रुपये की इनकम टैक्स डिडक्शन मिलती है। इसे भी काफी लंबे समय से बढ़ाने की मांग हो रही है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर वित्त मंत्री इस डिडक्शन को बढ़ाकर 4 लाख सालाना कर दें, तो घर खरीदारों को बड़ी राहत मिल सकती है।

किफायती कैटेगरी की परिभाषा

भारत में 45 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी किफायती घर की कैटेगरी में आती है। लेकिन, मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी की बात करें, तो वहां 45 लाख रुपये या इससे कम में अच्छे मकान नहीं मिलते। इन शहरों में लिमिट बढ़ाने की मांग हो रही है। इससे किफायती घरों के खरीदारों को अच्छा फायदा होगा और ज्यादा टैक्स छूट हासिल कर सकेंगे।

रियल सेक्टर का अफोर्डेबल सेगमेंट काफी कमजोर प्रदर्शन कर रहा है, क्योंकि इसमें बिल्डर अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। उन्हें अपनी लागत के अनुसार मुनाफा नहीं हो रहा। इसलिए किफायती घरों की डिमांड के मुकाबले सप्लाई कम होने की खबरें भी आ रही हैं।

रियल एस्टेट सेक्टर पर बढ़ा भरोसा

पिछले साल से रियल एस्टेट सेक्टर लेटलतीफी और दूसरी गड़बड़ियों के चलते काफी बदनाम था। हालांकि, RERA के बनने के बाद हालात सुधरे हैं। अब डिमांड की जा रही है कि रेरा के तहत घरों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए बजट में अलग से कुछ प्रावधान होने चाहिए। इससे घरों की खरीद में धोखाधड़ी की आशंका कम होगी और खरीदारों के खून-पसीने की कमाई नहीं फंसेगी।

पीएम आवास योजना का क्या होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पीएम आवास योजना पर पूरा जोर बरकरार है। पिछले महीने मोदी 3.0 कैबिनेट की मीटिंग में शहरी और ग्रामीण इलाकों में 3 करोड़ नए मकान बनाने का एलान हुआ। उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में पीएम आवास के बारे में कुछ और बड़ा एलान कर सकती हैं। इससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में नए मकान बनने की रफ्तार भी और तेज होगी।

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