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Budget 2024: क्या नए टैक्स रिजीम में बदलाव करेंगी निर्मला सीतारमण, बजट में नौकरीपेशा लोगों के लिए हो सकते हैं बड़े एलान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई यानी आज वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेंगी। इस बजट में करदाताओं को वित्त मंत्री से किसी बड़े राहत के एलान की उम्मीद है। दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर नौकरियों और महंगाई के मुद्दे पर कड़े सवाल उठाए हैं। अनुमान जताया जा रहा है कि सीतारमण मध्यम वर्ग के लिए कर राहत की घोषणा कर सकती हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 23 Jul 2024 05:53 AM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद केंद्र सरकार अपना पहला पूर्ण बजट आज पेश करेगी।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद केंद्र सरकार अपना पहला पूर्ण बजट आज पेश करेगी। दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर नौकरियों और महंगाई के मुद्दे पर कड़े सवाल उठाए हैं। बजट-पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.5-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

बजट से जुड़ी 10 जरूरी बातें

  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को जब वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, तो उनके नाम भी एक रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। इस बजट के साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। जानकारों के मुताबिक, आम जनता की आर्थिक समृद्धि के बारे में सरकार इस बार कुछ बड़ा एलान कर सकती है।
  • अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त मंत्री पूर्ण बजट में नई विनिर्माण सुविधाओं के लिए कर प्रोत्साहन देने के साथ नौकरियों के सृजन के लिए सभी क्षेत्रों में स्थानीय खरीद को प्रोत्साहित कर सकती है। क्योंकि हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत हासिल करने में विफलता हाथ लगी है। वह केवल सहयोगियों के समर्थन से सत्ता में लौट पाई है। यही कारण है कि मोदी सरकार बजट में नौकरियों के अवसरों के लिए कोई कदम उठा सकती है।
  • अनुमान जताया जा रहा है कि सीतारमण मध्यम वर्ग के लिए कर राहत की घोषणा कर सकती हैं। यह उनके बजट भाषण का सबसे प्रत्याशित हिस्सा होगा। चुनाव-पूर्व अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग को कुछ नहीं मिला, और इसलिए उनकी उम्मीदें बहुत अधिक हैं।
  • बजट में राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.8 प्रतिशत था। पूर्ण बजट में राजकोषीय घाटे के पहले के अनुमानों से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। राजकोषीय घाटा सरकार के व्यय और आय के बीच का अंतर है।
  • मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर बहुत ध्यान दिया है। सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) ₹11.1 लाख करोड़ है, जो पिछले वित्त वर्ष में ₹9.5 लाख करोड़ से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।
  • सीतारमण ने संकेत दिया है कि वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए कदमों की घोषणा करेंगी, जो देश के विकास इंजन का एक हिस्सा हैं। एमएसएमई के पास रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माण में विकास की गुंजाइश है।
  • केंद्रीय बजट 2024 30 जुलाई को पारित होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने मुद्दों पर चर्चा करते हुए सरकार को मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, प्रमुख क्षेत्रों में विकास की कमी और कृषि संकट पर घेरने का फैसला किया है।
  • वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने आर्थिक सर्वेक्षण को चुनिंदा मुद्दों पर चर्चा करने का अभ्यास बताया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "...आपकी सरकार ने 10 साल में 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को कुचल दिया है। आर्थिक सर्वेक्षण मोदी सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए एक चमकदार खोखले लिफाफे की तरह है।"
  • पीएम मोदी ने कहा था कि आर्थिक सर्वेक्षण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को उजागर किया और उनकी सरकार के सुधारों के परिणामों को प्रदर्शित किया। पीएम मोदी ने कहा, "यह आगे के विकास और प्रगति के क्षेत्रों की भी पहचान करता है, क्योंकि हम एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"
  • भारत 2024 और 2025 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। यह मुख्य रूप से घरेलू खपत या निर्यात के बजाय सरकारी खर्च के कारण है।