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Budget 2024: दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के लिए पेश होगा बजट, कई प्रमुख आंकड़ों पर रहेगी नजर

मोदी सरकार अपने नए कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करने की तैयारी में हैं। ये वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण का सातवां बजट है जिके साथ वे एक नया रिकॉर्ड कायम करने जा रही है। इस नए बजट के साथ सरकार उज्जवल भविष्य की तैयारी कर रही है। इस आम बजट में 2047 के विकसित भारत का रौडमैप में तैयार किया जाएगा।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 23 Jul 2024 10:54 AM (IST)
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आज बजट के खास आकड़ें पर एक नजर

पीटीआई, नई दिल्ली। बस कुछ ही देर में आम बजट पेश किया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी मंगलवार, 23 जुलाई को लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, जिसमें 2047 तक विकसित भारत के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगाा इसके साथ ही इस बजट में पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई जाएगी।

इस बजट में सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या सीतारमण मध्यम वर्ग को टैक्स से राहत देती हैं या नहीं। इससे उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा, क्योंकि कर में उछाल है। इसके अलावा, बाजार को यह भी उम्मीद है कि राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक कम करने के लिए राजकोषीय ग्लाइड पथ पर बने रहने से वित्तीय घाटा कम होगा।

सातवां बजट पेश करेंगी सीतारमण

  • बता दें कि आज निर्मला सीतारमण लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी।
  • उन्होंने 2019 में अपने पहले बजट में चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक 'बही-खाता' से बदल दिया था।
  • यह 'बही-खाता बजट डॉक्यूमेंट को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किया जाता था।
  • इस साल का बजट पिछले 3 सालों की तरह कागज रहित होगा।

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मोदी 3.0 के पहले पूर्ण बजट के खास आंकड़ें

राजकोषीय घाटा

बजट में शामिल राजकोषीय घाटा, जो सरकारी व्यय और आय के बीच का अंतर है, चालू वित्त वर्ष के लिए 5.1 प्रतिशत है। ऐसा कि फरवरी में अंतरिम बजट में अनुमान लगाया गया था। जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.8 प्रतिशत था। कर में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है।

पूंजीगत व्यय

इस वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।

कर राजस्व

अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ आ रहा है। इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर + कॉर्पोरेट कर) से आने वाले 21.99 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क + उत्पाद शुल्क + जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है।

जीएसटी

2024-25 में गुड्स ऐड सर्विस टैक्स (GST) संग्रह 11.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024-25 के अंतिम बजट में कर राजस्व के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।

उधार

अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट 14.13 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से उधार लेती है। खास तौर पर आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से उम्मीद से ज्यादा लाभांश मिलने के बाद बाजार की नजर उधारी के आंकड़ों पर रहेगी।

नॉमिनल जीडीपी:

अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की नाममात्र जीडीपी वृद्धि (वास्तविक जीडीपी प्लस मुद्रास्फीति) 10.5 प्रतिशत बढ़कर 327.7 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है। अपेक्षित सामान्य मानसून, राजस्व संग्रह में सुधार और ग्रामीण खपत में तेजी को देखते हुए, उम्मीद है कि वृद्धि अनुमान में वृद्धि हो सकती है। आरबीआई के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

लाभांश:

अंतरिम बजट में आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया गया था। इसे ऊपर की ओर संशोधित किया जाएगा क्योंकि आरबीआई पहले ही मई में 2.11 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरण कर चुका है।

साथ ही, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) से 43,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

नरेगा जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर भी खर्च पर ध्यान दिया जाएगा।

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